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13 अप्रैल को मेष राशि में उच्च के होंगे सूर्य, कोरोना पर क़ाबू पाया जा सकेगा

वायरस की भयावह स्थिति देखते हुए जो लोगों में भय उत्पन्न हुआ है यह विश्व व्यापी है, लेकिन इस पृथ्वी पर कुछ भी बिना ग्रहीय चाल के संभव नहीं है। कहीं ना कहीं ग्रहों का प्रभाव रहता है जो अच्छे या बुरे को प्रभावित करता है। वैसे तो ग्रहों की चाल देखें तो इसमें 22 मार्च 2020 से मंगल अपनी उच्च राशि मकर में प्रवेश किया है और राशि स्वामी शनि के साथ योग बनाए हुए है। यह योग लोगों में भय व्याप्त करवाएगा, साथ ही साथ प्रशासन व लोगों में तनाव की स्थिति उत्पन्न भी करवाता है। 30 मार्च को बृहस्पति खुद मकर राशि में प्रवेश करेंगे। उसके उपरांत यह भय कम होगा और महामारी पर भी नियंत्रण होना आरम्भ हो जाएगा। शनि के साथ बृहस्पति का योग बनने से भी महामारी पर चिकित्सा द्वारा नियंत्रण करने में सफलता प्राप्त होगी और गोचर में जब सूर्य 13 अप्रैल, 2020 को रात्रि 8.23 मिनट पर मीन से मेष राशि में अपनी उच्च राशि में प्रवेश करेंगे तब जाकर पूर्णतः महामारी की स्थिति पर क़ाबू पाया जा सकेगा।

लेकिन इसके वावजूद भी हमारे वेदों में पुराणो में किसी भी स्थिति से मुक्ति पाने के लीय मंत्र चिकित्सा सर्वोपरी बताया गया है ,धर्म और वेदों के अनुसार किसी भी महामारी से मुक्ति पाने के लिए कुछ युक्ति बताई गयी है जैसे अपने घर में सुबह और संध्या समय में नीम की लकड़ी या पत्तों की धुनी जलाए, घर का वातावरण साफ़ और पवित्र रखे, कपूर को खुली कटोरी में रखे, साथ ही साथ व्यक्तिगत जीवन जीने की कोशिश करें जैसे गुरुकुल में सिखाया जाता था कि अपना वस्त्र, अपना बिस्तर और अपनी तमाम चीजें किसी को छूने ना दें जैसे व्रत के समय में होता है।

श्री दुर्गासप्तशती में किसी भी बीमारी या महामारी का उपाय देवी के स्तुति तथा मंत्र द्वारा बताया गया है जो कि अत्यंत प्रभाकरी है…

रोग नाश के लिए
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥

महामारी नाश के लिए
ऊँ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।

यह दो मंत्र अत्यंत प्रभावकारी है।
मां दुर्गा का ध्यान करते हुए दीपक प्रज्वलित कर इन मंत्रो का जाप करना चाहिए। मानसिक जाप भी करे लेकिन किसी को स्पर्श ना करे मौन रहने की कोशिश करें। मां भगवती सबका कल्याण करने वाली हैं ममतामई हैं अपने भक्तों का पुकार अत्यंत शीघ्र सुनती हैं।

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