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अफगानिस्तान को नहीं बनने देंगे आतंक का अड्डा, भारत के प्रस्ताव पर 13 देशों की सहमति

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की ओर से अफगानिस्तान को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है. प्रस्ताव भारत के मौजूदा अध्यक्ष हर्षवर्धन श्रृंगला ने पारित किया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने और हमला करने या आतंकवादियों को पनाह, वित्त या प्रशिक्षण देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. इस प्रस्ताव पर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस समेत 13 देशों ने अपनी सहमति जताई है. लेकिन रुस और चीन बैठक में नहीं आये थे.

बता दें, भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अफगानिस्तान को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया है. 13 सदस्यों के समर्थन से इस प्रस्ताव को अपनाया गया. क्योंकि, रूस और चीन ने भाग नहीं लिया था. इस प्रस्ताव में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में नहीं होना चाहिए.

श्रृंगला ने अफगानिस्तान पर यूएनएससी की बैठक के बाद कहा कि, तालिबान के 27 अगस्त के बयान को नोट किया गया है, और सुरक्षा परिषद इसको लेकर तालिबान से अपने वादे पर कायम रहने की उम्मीद करता है. बता दें, प्रस्ताव में अफगानिस्तान में रह रहे सभी विदेशी नागरिकों की सुरक्षित निकासी शामिल है. इसके अलावा विदेश सचिव ने कहा कि संकल्प मानवाधिकारों, विशेष रूप से अफगान महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के साथ-साथ समावेशी बातचीत का पक्षधर है.

श्रृंगला ने ये भी कहा कि, अफगानिस्तान की जमीन को आतंकी गतिविधि का अड्डा नहीं बनने देंगे. उन्होंने ये भी कहा कि, अफगान क्षेत्र का उपयोग किसी भी देश को धमकाने, डराने या हमला करने के साथ साथ आतंकवादियों को शरण देने में नहीं करेंगे. गौरतलब है कि, अमेरिका सेना के अंतिम तीन सी-17 विमानों के काबुल से उड़ान भरने का साथ ही अमेरिका के करीब 20 सालों के अफगानिस्तान अभियान का अंत हो गया. इसी के साथ अमेरिका ने काबुल स्थित हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को तालिबान को सौंप दिया.

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