अद्धयात्म

13 मार्च से शुरू हो रहा है होलाष्टक, गर्भवती महिलाएं भूलकर भी ना करें यह काम

आप सभी को बता दें कि आने वाली 13 मार्च से होलाष्टक लग रहे हैं और यह 20 मार्च तक चलेंगे. ऐसे में इन दिनों में कोई भी शुभ काम नहीं करने चाहिए. आज हम आपको उन्ही कामों के बारे में बताने जा रहे हैं जो होलाष्टक में नहीं करने चाहिए. आइए जानते हैं. कहते हैं होलाष्टक लगते ही विवाहों का यह वार्षिक कलेंडर समाप्त हो जाता है और अब नया संवत लगने के बाद विवाहों का सीजन फिर शुरू होगा. ऐसे में इस बार जुलाई तक विवाह होते रहेंगे और उसके बाद में देवशयन हो जाने के कारण विवाह चार महीनों के लिए बंद हो जाएंगे।. आप सभी को बता दें कि विवाहों का यह सीजन विगत नवंबर में देवोत्थान एकादशी के लिए शुरू हुआ था और तब से पौष मास को छोड़कर लगातार विवाह हो रहे हैं.

वहीं उत्तरायण लगने के बाद यज्ञोपवीत आदि मांगलिक कार्य भी प्रारंभ हो गए थे और विवाहों के इस सीजन में 25 शुद्ध और 36 सामान्य मुहूर्त आए. वहीं अगर ज्योतिषों की माने तो अब इस महीने की 13 तारीख से होलाष्टक प्रारंभ हो रहे हैं और ये होलाष्टक 20 मार्च फाग तक चलेंगे. ऐसे में होलाष्टकों में किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य करना निषेध माना जाता है और होलाष्टक समाप्त होने के बाद भी ज्योतिषीय दृष्टि से भद्रा की छाया रहती है. इसी के साथ ही चैत्र कृष्ण पक्ष भी प्रारंभ हो जाएगा और परिणामस्वरूप विवाहों के शुद्ध मुहूर्त पर विराम यथावत लगा रहेगा. ऐसे में वर्तमान संवत पांच अप्रैल को समाप्त हो रहा है और नया संवत चैत्र नवरात्र के साथ छह अप्रैल को प्रारंभ हो जाएगा, वहीं संवत के दौरान बगैर सुझाए विवाह भी किए जाते हैं.

आप सभी को बता दें अलबत्ता नए वर्ष का विवाह कलेंडर संवत से शुरू होगा और इस कलेंडर के विवाह जुलाई तक चलते रहेंगे. इसी में कहते हैं कि इन दिनों में गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. जी हाँ, होलाष्टक के दौरान गर्भवती स्त्रियों को नदी नाले पार नहीं करना चाहिए.

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