13 सितंबर रविवार को खण्डग्रास सूर्य ग्रहण
दस्तक टाइम्स / एजेंसी
बहुत से लोग ग्रहण को मात्र एक खगोलीय घटना ही मानते हैं और इसमें किसी भी प्रकार की सावधानी बरतने को अंधविश्वास या दकियानूसी करार देते हैं। यह उनकी मान्यता हो सकती है परंतु वैज्ञानिक दृष्टि से भी ग्रहण के समय विकीरण के कारण आंखों, रक्त संचार, रक्त चाप और खाद्य पदार्थों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
ग्रहण पर क्या करें क्या नहीं
* सूतक तथा ग्रहण काल में मूर्त स्पर्श, अनावश्यक खाना पीना, संसर्ग आदि से बचना चाहिए।
* गर्भवती महिलाएं अधिक श्रम न करें । मान्यता है कि गर्भस्थ शिशु या ग्रहण काल गर्भवती होने से जन्म लेने वाली संतान पर शारीरिक प्रभाव पड़ता है। सामान्य रहें।
* ग्रहण काल में चंद्रमा को सीधे न देखा जाए।
* खुले में खाद्य सामग्री न रखें।
* संक्रमण व विकीरणों से बचने के लिए तुलसी का प्रयोग करें।
* ग्रहण लगने से पहले और दो दिन बाद तक के संक्रमण काल में कोई शुभ अथवा अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य, विवाह, निर्माण,नए व्यवसाय का आरंभ , सगाई, लंबी अवधि का निवेश, मकान का सौदा या एडवांस, आंदोलन, धरना- प्रदर्शन आदि नहीं करना चाहिए क्योंकि उनके सफल होने में संदेह रहता है