ज्योतिष डेस्क : देश में 13 सितम्बर को गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाएगा। इसके लिए पूरे देश में जोर-शोर से तैयारी चल रही है। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को सभी देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता भगवान गणेश का जन्म मध्यकाल में हुआ था। इस दिन हर साल गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। मध्यकाल में जन्म लेने के कारण इनकी स्थापना इसी काल में होनी चाहिए। भगवान गणेश विघ्नहर्ता और विघ्नकर्ता दोनों हैं। एक तरफ जहां भक्तों के लिए वे विध्न विनाशक हैं तो दूसरी ओर विघ्नकर्ता भी हैं।
भगवान गणेश बुद्धि के देवता हैं। भगवान गणेश की उपासना से जहां कार्यों में सफलता मिलती है, अवरोध हटते हैं और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इस बार गणेश उत्सव 13 से 23 सितंबर तक चलेगा। ज्योतिष के अनुसार इस बार चतुर्थी वाले दिन काफी अच्छे संयोग बन रहे हैं। गणेश चतुर्थी के दिन सुबह-सुबह साधक को उपवास पर रहना चाहिए और दोपहर में गणेशजी की प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाकर विधिविधान से पूजा करनी चाहिए।
गणेश चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त
13 सितंबर मध्याह्न गणेश पूजा का समय – 11:03 से 13:30
अवधि – 2 घण्टे 27 मिनट
12 सितंबर को, चन्द्रमा को नहीं देखने का समय – 16:07 से 20:33
अवधि – 4 घण्टे 26 मिनट
13 सितंबर को, चन्द्रमा को नहीं देखने का समय – 9:31 से 21:12
अवधि – 11 घण्टे 40 मिनट
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 12 सितम्बर 2018 को 16: 07 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त – 13 सितम्बर 2018 को 14 : 51 बजे