अजब-गजब

13084 फीट की ऊंचाई पर बना ये ढाबा, बचा चुका है हजारों लोगों की जान

आजतक आपने हर गली चौराहें पर ढाबे देखें होंगे। जहां हमेशा लोगों का जमावड़ा रहता है। कई ढाबे ऐसे होते हैं जिसका स्वाद खुद-ब-खुद लोगों को दुकानों तक खींच लाता है। लेकिन आपको जानकर हैरान होगी एक ढाबा 13084 की ऊंचाई पर है, जो लजीज खाने के लिए नहीं बल्कि लोगों की जान बचाने के लिए फैमस है। 
मनाली से 114 किलोमीटर दूर 13084 फीट की ऊंचाई पर बना चंद्रा ढाबा जान बचाने के लिए जाना जाता हैं। चाचा-चाची के नाम से प्रसिद्ध ये दंपति उस जगह तिरपाल लगाकर रहते हैं जहां सर्दी-गर्मी में जीना मुश्किल होता है। वैसे तो यहां कई ढाबे हैं पर चर्चा चंद्र ढाबे की ही होती है। कोई भी मुसीबत हो किसी कि मदद के लिए 60 साल के दोरजे हो आगे आएंगे। ये उन लोगों के लिए जीवनरक्षक हैं जो खराब मौसम में यहां फंस जाते हैं। ये उन्हें खाने-पीने से लेकर फ्री दवा उपलब्ध कराते और उन्हें रहने के लिए जगह भी देते हैं।
45साल से एकांत स्थान पर ढाबा चला रहे दोरजे और हिशे ने अभी तक सैकड़ों कि जान बचाई है। दोरजे बताते हैं कि उनके पास योजना मनाली और काजा की घूमने को आने वाले कई लोग दिक्कतों और बीमारियों के बारे में बताते हैं।
वे उन्हें उनकी जरूरत के हिसाब से मौजूद दवाएं दे देते हैं। इससे उन्हें सुकून मिलता है। दोरजे मौसम की सटीक जानकारी रखते हैं। कब बर्फ गिरेगी और कब धूप खिलेगी, वे सिर्फ बादल देखकर बता देते हैं। इन्हें गोडफ्रे फिलिप्स ब्रेवरी की ओर से माइंड ऑफ स्टील स्पेशल अवॉर्ड, पल्स ऑफ इंडिया का ब्रेवरी अवॉर्ड, राजस्थान रॉयल्स क्लब और विदेशी क्लब से अवॉर्ड मिल चुके हैं।
दोरजे बताते हैं कि कुछ साल पहले यहां अचानक बर्फबारी हो गई। ऐसे में 106 लोगों का ग्रुप बातल में फंस गया। इन 106 लोगों में से 37 विदेशी थे जिन्हें उन्होंने छह दिन तक अपने पास रखा और खाना खिलाया। मौसम खुलने के बाद यहां से भेजा। 

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