लखनऊ : मुजफ्फरनगर और शामली में हुए दंगों के 131 मामले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वापस लेने का फैसला किया गया है। मुकदमा वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में हिंदुओं पर फर्जी मुकदमे किए गए थे, सरकारी आंकड़ों के अनुसार मुजफ्फर नगर और शामली में हुए दंगे में 62 लोगों की मौत हुई थी, साथ ही करीब हजार लोगों को घर-बार छोड़कर भागना पड़ा था, इस दंगे में दर्ज हुए मुकदमों में 1455 लोगों को आरोपी बनाया गया है, तब समाजवादी पार्टी की सरकार थी।
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने कहा कि योगी सरकार का फैसला सही है। पिछली सरकार ने जानबूझकर निर्दोष हिंदुओं पर केस कर दिए थे, जिन मुकदमों को सरकार वापस लेने जा रही है उनमें हत्या के 13 और हत्या के प्रयास के 11 मामले हैं। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने बताया कि वे और विधायक उमेश मलिक अगुवाई में खाप पंचायतों के प्रतिनिधिमंडल ने 5 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को केस की लिस्ट सौंपी थी, जिसमें ज्यादातर हिंदुओं के नाम थे, इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुक़दमे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
वहीं सपा प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार को बताना होगा कि आखिर किस आधार पर मुकदमे वापस लिए जा रहे हैं। 2013 में मुजफ्फरनगर और शामली में हुए दंगों में 500 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए थे, बीते 23 फरवरी को उत्तर प्रदेश के कानून विभाग ने विशेष सचिव राजेश सिंह के हवाले से मुजफ्फरनगर और शामली के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर 131 मुकदमों के संबंध में 13 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। डीएम से केस हटाने को लेकर संस्तुति मांगी गई थी, शासन से आए पत्र को जिलाधिकारी ने जिले के एसपी के पास भेजकर विवरण देने को कहा है।