14 अप्रैल को है मेष संक्राति, शादी-ब्याह के लिए है सबसे शुभ मुहूर्त
आप सभी को बता दें कि जल्द ही भगवान भास्कर घर बदल रहे हैं और अब वह आने वाले अगले रविवार को यानी 14 अप्रैल को मीन से मेष राशि में प्रवेश करेंगे. ऐसे में प्रत्यक्ष देवता सूर्य का नए घर में जाना हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए काफी महत्व का है और सूर्य के मेष में संक्रमण को उत्सव के तौर पर मनाने की परंपरा है. कहा जाता है बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों में इस दिवस पर मेष संक्रांति मनायी जाएगी और इसी दिन सतुआनी भी मनायी जाएगी. ऐसे में देश के अन्य हिस्सों में वैशाखी मनायी जाएगी और सूर्य के घर बदलते ही सौरवर्ष का शुभारंभ और खरमास भी समाप्त हो जाएगा, इसी के साथ ही 16 अप्रैल से शादी-व्याह,अन्य मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. आइए जानते हैं करना है कौन सा पाठ.
करें पाठ-
आदित्य ह्रदयस्त्रोत,सूर्य के वैदिक मंत्र ओम घृणि सूर्याय नम: और गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए। इस तिथि पर सूर्यदेव के साथ भगवान शिव, विष्णु, मां काली की भी आराधना की जानी चाहिए।
शुभ विवाह के मुहूर्त-
अप्रैल: 16, 17, 18, 19, 20, 22, 23, 24, 25, 26
मई: 2,6,7,8,12,13,14,15,17,18,19,21,23,28,29,30
जून: 8,9,10,11,12,13,14,15,16,17,18,19,24,25,28
जुलाई: 6,7,8,10,11
नवंबर: 18,19,20,21,22,23,28,30
दिसंबर: 1,5,6,7,11,12
मेष संक्रांति का राशियों पर प्रभाव –
मेष: प्रतियोगी परीक्षा में सफलता, रोग से मुक्ति
वृष: व्यर्थ का व्यय,लंबी यात्रा
मिथुन: अप्रत्याशित लाभ, संतान से संबंधित खुशखबरी
कर्क: प्रमोशन, कार्य विस्तार
सिंह: धार्मिक यात्रा, आरोग्यता
कन्या: पत्नी का स्वास्थ्य प्रभावित,वाणी दोष
तुला: बीमारी का भय, व्यापार में परेशानी
वृश्चिक: राजनीतिक लाभ, प्रमोशन,
धनु: भाग्य का साथ, लंबी यात्रा
मकर: असंतोष,पिता का स्वास्थ्य प्रभावित
कुंभ: पराक्रम, भाइयों से लाभ
मीन: संचित पैसे में वृद्धि,कर्ज से मुक्ति