गंगोला परिवार गंगा-जमीन तहजीब की मिसाब है। चौधरी गार्डन निवासी अनंत गंगोला पिछले 14 साल से रमजान के अखिरी शुक्रवार यानी अलविदा जुमे का रोजा रखकर भाईचारे और प्रेम का संदेश दे रहे हैं। पिछले पांच साल से उनके दोनों बच्चे भी रोजा रख रहे हैं। अनंत गंगोला का कहना है कि सामाजिक धर्म व्यक्तिगत धर्म से बढ़कर है। इस समाज में सौहार्द्र बढ़े और भाईचारा कायम हो, इसके लिए 14 साल पहले उन्होंने मंथन किया। वह मुकद्दस रमजान के आखिरी जुमे को रोजा रखने लगे।
माहे रमजान में ही उनके अजीज मित्र का निधन हुआ था
अनंत जी ने बताया कि माहे रमजान में ही उनके अजीज मित्र जावेद सुल्तान का निधन हुआ था, रोजा रखकर वह उन्हें भी याद कर लेते हैं। वह इन दिनों परिवार के साथ रानीखेत आए हुए हैं। शुक्रवार को उन्होंने अलविदा का रोजा रखा, उनके साथ उनके पुत्र 19 वर्षीय अंबर 17 वर्षीय पुत्री अवनि ने भी रोजा रखा। दोनों बच्चे पिछले पांच साल से रोजा रख रहे हैं।
सुबह सहरी से लेकर शाम को इफ्तारी तक नियमानुसार रोजा रखा गया। अनंत गंगोला पत्रकार अनुराग गंगोला के बड़े भाई हैं। अनंत ने बताया कि यह सभी धर्मों के प्रति उनका सम्मान है। उन्होंने कहा कि कई मुस्लिम और अन्य धर्मों के लोग भी दीवाली और होली जैसे पर्वों पर बढ़चढ़कर भागीदारी करते हैं। यह समाज के लिए अच्छा है। दोनों बच्चों ने कहा कि वह भी पूरे नियमानुसार रोजा रख रहे हैं, इसके कई वैज्ञानिक फायदे भी हैं।