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गाजा में इजराइली हमले का कहर: नवजात बच्ची सहित 14 फिलीस्तीनियों की मौत

गाजा: गाजा पट्टी एक बार फिर तबाही के दर्द से कांप उठी जब इजराइली हवाई हमलों में कम से कम 14 फिलीस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। मृतकों में बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। बमबारी में न केवल इंसानी जानें गईं, बल्कि मलबा हटाने और राहत कार्यों के लिए भेजे गए बुलडोज़र, पानी टैंकर और जनरेटर जैसे उपकरण भी पूरी तरह तबाह हो गए। उत्तर गाजा के जबलिया क्षेत्र में हमले ने एक नगरपालिका पार्किंग स्थल को निशाना बनाया, जहां मिस्र और कतर द्वारा भेजे गए नौ भारी बुलडोज़र खड़े थे।

ये वही देश हैं जिन्होंने जनवरी में युद्धविराम के लिए मध्यस्थता की थी। लेकिन पिछले महीने इजराइल ने एकतरफा उस युद्धविराम को तोड़ते हुए फिर से बमबारी और जमीनी अभियान शुरू कर दिया। गाजा, जहां पहले से ही भारी उपकरणों की भारी कमी है, अब और गहरे संकट में डूब चुका है। हमलों में एक सीवेज पंप ट्रक, एक पानी टैंकर और एक मोबाइल जनरेटर भी तबाह हो गया, जो सहायता समूहों द्वारा मुहैया कराए गए थे। नासिर अस्पताल के अनुसार, खान यूनिस में एक बहुमंजिला मकान को निशाना बनाकर किए गए हमले में चार महिलाओं और चार बच्चों सहित नौ लोगों की मौत हो गई।

मारे गए लोगों में एक दो वर्षीय बच्ची भी शामिल थी। बच्ची के दादा अवाद दहलीज ने रोते हुए कहा, “वे अल्लाह की शांति में सो रहे थे… इस मासूम बच्ची का क्या दोष था?” गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय की आपात सेवा के अनुसार, एक अन्य हमले में जबालिया शरणार्थी शिविर में तीन बच्चों और उनके माता-पिता की भी मौत हो गई। इजराइली सेना की तरफ से अभी तक इस हमले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि सेना बार-बार दावा करती है कि उसका निशाना केवल आतंकवादी हैं, लेकिन घनी आबादी वाले इलाकों में आम नागरिकों की लगातार मौतें इस दावे पर सवाल खड़े कर रही हैं। गाजा की जमीनी हकीकत ये है कि यहां न बिजली बची है, न साफ पानी, न दवा – और अब राहत का सामान लाने वाले उपकरण भी मलबे में दब चुके हैं।

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