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सेना की फायरिंग में हुई 14 लोगों की मौत, केंद्र सरकार के नागालैंड पुलिस को आदेश- जवानों पर नहीं चलेगा मुकद्दमा

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नागालैंड विवाद पर 30 सैनिकों पर मुकद्दमा चलाने की अनुमति नहीं दी है। राज्य पुलिस के अनुसार, केंद्र ने नागालैंड में दिसंबर 2021 में उग्रवाद-विरोधी अभियान में कथित रूप से शामिल 30 सैन्य कर्मियों के खिलाफ मुकद्दमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है, जिसमें 14 स्‍थानीय युवक मारे गए थे।

नागालैंड के मोन जिले में गोलीबारी की जांच करने वाले नागालैंड विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दायर चार्जशीट में सेना के लोगों का नाम लिया गया था। नागालैंड पुलिस ने एक बयान में कहा कि सक्षम प्राधिकारी (सैन्य मामलों के विभाग, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) ने सभी 30 आरोपियों के खिलाफ मुकद्दमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।

बता दें कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) सहित विभिन्न कानूनों के तहत कर्तव्यों का निर्वहन करते समय सुरक्षा बलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए केंद्र की कानूनी मंजूरी की आवश्यकता होती है, जो अशांत क्षेत्रों में बलों को व्यापक अधिकार देता है। सेना ने इस घटना की एक स्वतंत्र कोर्ट ऑफ इंक्वायरी भी स्थापित की, जिसमें दोषी पाए गए किसी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। हालांकि, सेना ने कहा कि वह कोई कार्रवाई नहीं कर सकती, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

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