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1,445 लोगों की आबादी पर देश में मात्र एक डॉक्टर, स्थिति गंभीर
देश में डॉक्टरों की कमी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यसभा में एक रिपोर्ट पेश की है जिसके अनुसार 1,445 लोगों की जिम्मेदारी केवल एक एलोपैथ के डॉक्टर के कंधों पर है। उत्तर भारत में सबसे बुरे हालात हरियाणा में हैं। यहां एक एलोपैथी डॉक्टर पर 6,287 लोगों की जिम्मेदारी है। जबकि उत्तर प्रदेश में 3,692, उत्तराखंड में 1,631, पंजाब में 778, हिमाचल प्रदेश में 3,015, जम्मू कश्मीर में 1,143 और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 1,252 लोगों के लिए एक एलोपैथी डॉक्टर पंजीकृत हैं। आयुष (आयुर्वेद, योगा, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथी) चिकित्सा पद्धति के डॉक्टरों को इनके साथ जोड़ दें तो हरियाणा में 1,812 लोगों की आबादी पर मात्र एक डॉक्टर तैनात है, जो कि उत्तर भारत के बाकी राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार एक हजार आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए। सरकार ने एलोपैथी और आयुष डॉक्टरों का अनुपात अलग-अलग बताया है। इनका मानना है कि अगर दोनों चिकित्सा पद्धति के डॉक्टरों को मिला दिया जाए तो डॉक्टरों की संख्या पर्याप्त मिल रही है।