148 साल बाद अद्भुत संयोग, शनि जयंती के दिन सूर्य ग्रहण व वट सावित्री व्रत
ज्योतिष : दस जून 2021 को सूर्य व शनि का अद्भुत संयोग देखने को मिलेगा। शनि जयंती यानी शनिदेव के जन्मोत्सव के दिन ही सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है और इसी दिन वट सावित्री का व्रत है, जो सुहागिन स्त्रियों के लिये बड़ा ही पुण्यदायी है। वहीं इस बार का सूर्यग्रहण रिंग ऑफ फायर या वलायाकार सूर्य ग्रहण होगा। इस दौरान चंद्रमा सूर्य के लगभग 97 फीसदी हिस्से को कवर कर लेगा। सूर्य ग्रहण भारत के पूर्वोत्तर के बहुत कम हिस्से और जम्मू कश्मीर में आंशिक रूप से दिखेगा। इसलिए भारत में सूर्य ग्रहण का सूतक काल भी पूरी तरह मान्य नहीं होगा, जहां ग्रहण होगा केवल वहीं पर सूतक काल माना जाएगा।
इस बार सूर्य ग्रहण वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगने जा रहा है। साल का यह पहला सूर्य ग्रहण एशिया, यूरोप, मंगोलिया, उत्तर-पूर्व अमेरिका अटलांटिक महासागर के उत्तरी हिस्से में आशिंक और उत्तरी कनाडा, रूस, ग्रीनलैंड में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण के कारण कुछ लोगों को आंखों से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह सूर्य ग्रहण स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा नहीं कहा जा सकता। सूर्य पिता और सरकारी क्षेत्र का कारक भी है इसलिए सूर्य ग्रहण के कारण जनता और सरकार के बीच आपसी विश्वास की कमी आ सकती है। इस दौरान देश की सरकार को कुछ मुद्दों को लेकर आम लोगों द्वारा घेरा जा सकता है। पारिवारिक जीवन में पिता के स्वास्थ्य में कमी के कारण कई लोग परेशान हो सकते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार 148 साल बाद शनि जयंती के दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, इससे पहले 26 मई 1873 में यह संयोग पड़ा था। सूर्य शनिदेव के पिता है और दोनों के बीच अच्छे संबंध नही हैं।
वहीं इस वक्त धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव बना हुआ है और मिथुन और तुला पर ढैय्या का प्रभाव बना हुआ है। ऐसे में साढ़ेसाती और ढैय्या का अशुभ प्रभाव कम करने के लिए यह बेहद अच्छा मौका है। ऐसे में शनि चालिसा का पाठ कर सकते हैं और शनि से संबंधित चीजों का भी दान कर सकते हैं। ग्रहण की शुरुआत दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा। वहीं कंकण ग्रहण का आरंभ 3 बजकर 20 मिनट पर होगा। ग्रहण का मध्यकाल 4 बजकर 12 मिनट पर होगा और इसकी समाप्ति शाम को 5 बजकर 3 मिनट पर होगी। वहीं ग्रहण का पूर्ण रूप से समापन शाम 6 बजकर 41 मिनट पर होगा यानी ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे की होगी। वृषभ, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों पर इस सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा असर दिखाई देगा। इन राशि के जातकों को अपने विशेष ख्याल इस दौरान रखना चाहिए। वाहन चलाने और कोई भी जोखिम भरा कार्य करने से भी इन राशि वालों को बचना चाहिए।