भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली और तबसे हम हर साल 15 अगस्त को ही आजादी पर्व मनाते हैं। लेकिन अधिकांश भारतीयों की जानकारी में ये नहीं है कि हमारा ‘पहला स्वतंत्रता दिवस’ 26 जनवरी 1930 को मनाया गया था।
हुआ यूं था कि दिसंबर 1929 में लाहौर में हुए कांग्रेस अधिवेशन में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू सहित अन्य नेताओं ने एक महत्वपूर्ण निर्णय पारित किया।
इसके मुताबिक हर साल जनवरी के आखिरी रविवार को ‘आजादी का दिन” मनाया जाएगा। गांधीजी ने सलाह दी कि ये संदेश देश के हर शहर, हर गांव तक पहुंचाया जाए।
तय हुआ कि 26 जनवरी को पूरे देश में समारोह की शुरुआत राष्ट्रीय झंडा फहराकर की जाए। दिन का बाकी समय रचनात्मक कार्यों में बिताया जाए। लोग सफाई करें, चरखा चलाएं, अछूत माने जाने वाले लोगों के साथ बैठें और उनकी सेवा कर उन्हें भी भारत का सम्मानित नागरिक होने का मान दें।
ये संदेश देश में आग की तेजी से फैला। 26 जनवरी 1930 को लोग अपने गांव, शहर, कस्बों में घरों से निकलकर एक जगह इकट्ठा हुए।
देशवासियों की छटपटाहट और गजब का उत्साह देख अंग्रेज चौंक गए। हर जगह लोगों की अपार भीड़ बिना शोर, हिंसा या हुड़दंग के शांतिपूर्वक एकत्र हुई। गांवों, शहरों में आजादी के प्रति अपना उत्साह प्रदर्शित करने की होड़ लग गई।
1930 के बाद आजादी मिलने (1947) तक हर साल 26 जनवरी को लोग स्वतंत्रता दिवस मनाते रहे।