15 दिनों तक इस मंदिर में बिना कपड़ों के रहती हैं ये 7 लड़कियां, सच सामने आते ही मचा बवाल
हमारे देश को आस्था का देश कहा जाता है। इसी के चलते हर क्षैत्रों मे अलग अलग तरह की मान्यताए प्रचलित है। कई जगहों पर तो ऐसी परंपराएं है जो समाज को कलंकित करने का काम करते है। लेकिन लोग अंधविश्वास के चलते उनका विरोध नहीं कर पाते है। जहां एक तरफ हमारा देश विश्व के छह बड़ी आर्थिक शक्तियों में शामिल हुआ है। वहीं दूसरी और लोग आज भी अंधविश्वास के चलते रूढीवादी परंपराओं का निर्वहन करते है।
हमने कई जगहों पर देखा है कि किसी मंदिर में जाने पर अगर किसी की मनोकामना पूरी हो जाती है तो वह जाकर भेंट स्वरूप कुछ ना कुछ भगवान को जरूर चढाता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसा वाकया बताने जा रहे है जो अंधविश्वास की जीती जागती मिशाल है। जिसके बारे में सुनकर होर कोई हैरान हो जाता है। यहां परंपरा के नाम पर लड़कियों के साथ खिलवाड़ किया जाता है।
यह अंधविश्वास की परंपरा भारत के प्रसिद्ध मंदिर मुदरै की है जो तमिलनाडु का प्रसिद मंदिर है। यहां पर साठ साल पुरानी ऐसी परंपरा चल रही है। जिसमे 15 दिनों तक लड़कियों को बिना कपड़ो के रखा जाता है। इस प्रथा मे मंदिर का पुजारी सात लड़कियों का चयन करता है जिनके कमर के ऊपर के कपडे उतार दिए जाते है। इन बच्चियों के ऊपर के शरीर को सिर्फ फूलों से ढंका जाता है। इस प्रथा में 60-70 गावों के लोग शामिल होते है। जिसमें से सात लड़कियों का चयन किया जाता है। इतना ही नहीं जिस लड़की का इसमें चयन होता है उसे बहुत भाग्यशाली समझा जाता है।
सबसे अधिक हैरान करने वाली बात तो यह है कि यहां पर इन लड़कियों को 15 दिन तक मंदिर मे पुजारी के साथ ही रहना पड़ता है पहले इस परंपरा में छह साल तक की बच्चियों को शामिल किया जाता था लेकिन पुजारियों ने इसकी सीमा बढाकर 10 से 16 साल कर दी है। वहीं दूसरी और कोर्ट ने मंदिर प्रशासन को यह कहते हुए फटकार लगाई है कि यह परंपरा बच्चियों को अंधविश्वास की ओर ले जाती है।