मुंबई: शहर के परेल इलाके में 18 मंजिला क्रिस्टल टॉवर की 12वीं मंजिल पर बुधवार सुबह करीब 8.30 बजे आग लग गई। धुएं में दम घुटने से चार लोगों की मौत हो गई। इनमें एक बुजुर्ग महिला और तीन पुरुष शामिल हैं। तबीयत बिगड़ने के बाद करीब 22 लोगों को “केईएम हॉस्पिटल” में भर्ती किया गया। अफरातफरी के बीच 10वीं की छात्रा “जेन सदावर्ते 15” ने सूझबूझ से काम लिया। उसने स्कूल में बताए आग से बचने के उपायों को अपनाकर परिवार और कई पड़ोसियों की जान बचाई। दमकल के अफसरों ने बताया, कि आग टॉवर के 12वें फ्लोर पर लगी। धीरे-धीरे यह दूसरे फ्लोर पर फैल गई और बिल्डिंग में धुंआ भर गया। इससे यहां रहने वाले 100 से ज्यादा लोग फंस गए। मारे गए दो लोग लिफ्ट में फंसे मिले। माना जा रहा है, कि इनकी मौत दम घुटने की वजह से हुई। 35 लोगों को क्रेन की मदद से नीचे उतारा गया। पुलिस ने गैर-इरादतन हत्या और अन्य धाराओं के तहत बिल्डर के खिलाफ केस दर्ज किया।
जेन ने बताया, “मैं उस वक्त कमरे में सो रही थी। मां ने सबसे पहले धुआं देखा और परिवार के सभी सदस्यों को जगाया। कमरों में धुंआ तेजी से भरता जा रहा था। हमें सांस लेने में भी दिक्कत आने लगी। पिता ने कहा, कि किचन सबसे सुरक्षित है, हमें वहीं चलना चाहिए। इस बीच, मैंने सबको बताया कि कार्बन वाले हानिकारक धुएं से बचने के लिए मुंह पर कॉटन का गीला कपड़ा लगाना चाहिए। कुछ लोगों को लिफ्ट में जाने से भी रोका। स्कूल में मुझे फायर ड्रिल के दौरान टीचर ने यह बात बताई थी। फायर डिपार्टमेंट के एक अफसर ने कहा, कि इस इमारत में आग बुझाने के प्रबंध नहीं किए गए थे। ऐसे में सोसायटी पर केस दर्ज किया जाएगा। बिल्डिंग को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। इसमें बिजली और पानी की सप्लाई रोक दी गई है।