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सोमवार को यूथ इवेंट में गोल्ड के लिए खेलेंगे 15 भारतीय

स्पोर्ट्स डेस्क : दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई युवा और जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत के रोहित चमोली और भरत जून ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए देश के लिए स्वर्ण पदक जीते, गौरव सैनी ने रजत पदक जीता. भारत के लिए दिन की बेहतरीन शुरुआत करते हुए, रोहित ने मंगोलिया के ओटगोनबयार तुवशिंजया को मात देकर देश को दुबई में जारी इस चैंपियनशिप में पहला स्वर्ण पदक दिलाया.

जूनियर लड़कों के 48 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में खेलते हुए चंडीगढ़ के इस मुक्केबाज ने इस प्रतिष्ठित महाद्वीपीय इवेंट में अपना प्रभावशाली प्रदर्शन जारी रखा और अपनी प्रतिभा की झलक पेश की. सतर्क शुरुआत करने के बाद, समय पर और सटीक आक्रमण ने रोहिद को एक करीबी मैच में अपने मंगोलियाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ बढ़त दिला दी और वो 3-2 से करीबी जीत के स्वर्ण पदक हासिल करने में सफल रहे.

इसके बाद देश को अगला स्वर्ण भरत (+81 किग्रा) ने दिलाया. भरत ने बेहतरीन जीत के साथ भारत के खाते में एक और स्वर्ण जोड़ा. हरियाणा के भरत ने कजाकिस्तान के येर्डोस शारिपबेक को एकतरफा अंदाज में 5-0 से हराते हुए अपने देश को दूसरा स्वर्ण दिलाया. इससे पहले, हालांकि गौरव सैनी को 70 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में अपने उज़्बेक प्रतिद्वंद्वी बोल्टेव शवकटजोन (यूजेडबी) के खिलाफ 0-5 से हार मिली थी.

गौरव को इस तरह रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा. भारत के लड़कों ने जूनियर वर्ग में अपना अभियान दो स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक के साथ खत्म किया. इससे पहले आशीष (54 किग्रा), अंशुल (57 किग्रा) और अंकुश (66 किग्रा) ने सेमीफाइनल में जगह बनाकर कांस्य पदक जीता.

बाद में आज रात मुस्कान (46 किग्रा), विशु राठी (48 किग्रा), तनु (52 किग्रा), आंचल सैनी (57 किग्रा), निकिता (60 किग्रा), माही राघव (63 किग्रा), रुद्रिका (70 किग्रा), प्रांजल यादव (75 किग्रा), संजना (81 किग्रा) और कीर्ति (+81 किग्रा) देश की 10 मुक्केबाज हैं, जो लड़कियों के फाइनल में भाग लेंगी.

भारत जूनियर स्पर्धा में पहले ही छह कांस्य पदक जीत चुका है, जिसमें देविका घोरपड़े (50 किग्रा), आरज़ू (54 किग्रा) और सुप्रिया रावत (66 किग्रा). यूएई के फुजैरा में 2019 में आयोजित पिछली एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में, भारत 21 पदक (छह स्वर्ण, नौ रजत और छह कांस्य) के साथ तीसरे स्थान पर रहा था.

भारत ने लड़कियों की श्रेणी में 13 पदक (चार स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य),जबकि लड़कों के वर्ग (दो स्वर्ण, 3 रजत और 3 कांस्य) में आठ पदक जीते थे. जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक विजेताओं को 4,000 अमेरिकी डॉलर, रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 2,000 अमेरिकी डॉलर और 1,000 डॉलर दिए जाएंगे.

महामारी की वजह से लगभग दो सालों के अंतराल के बाद आयोजित हो रही इस चैंपियनशिप ने एशियाई स्तर पर होनहार युवा प्रतिभाओं को बहुत आवश्यक प्रतिस्पर्धी माहौल प्रदान किया है. इस आयोजन में कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों के मुक्केबाजों की उपस्थिति में एक रोमांचक प्रतिस्पर्धा देखी गई.

ये भी पहली बार है कि दोनों आयु वर्ग-जूनियर और युवा-एक साथ खेले गए. सोमवार को होने वाले युवा स्पर्धा के फाइनल में भारत के 15 मुक्केबाज स्वर्ण के लिए लड़ेंगे. निवेदिता (48 किग्रा), तमन्ना (50 किग्रा), सिमरन (52 किग्रा), नेहा (54 किग्रा), प्रीति (57 किग्रा), प्रीति दहिया (60 किग्रा), खुशी (63 किग्रा), स्नेहा (66 किग्रा), खुशी (75 किग्रा), तनिशबीर (81 किग्रा) महिला वर्ग में जबकि पुरुषों में विश्वनाथ सुरेश (48 किग्रा), विश्वामित्र चोंगथम (51 किग्रा), जयदीप रावत (71 किग्रा), वंशज (64 किग्रा) और विशाल (80 किग्रा) फाइनल खेलेंगे.

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