प्रयागराज में पढ़ रहे 10,000 छात्रों को घर पहुंचाएगी योगी सरकार
परेशान ना हो, दो दिनों में सभी को घर भेजेंगे: मुख्यमंत्री
लखनऊ (राघवेन्द्र प्रताप सिंह): कोरोना महामारी के कारण राजस्थान प्रदेश के कोटा शहर में फंसे हजारों छात्रों को अपने घरों तक पहुंचाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब प्रदेश के उन छात्रों को भी उनके घर पहुंचाने का फैसला लिया है जो प्रयागराज में पढ़ रहे हैं। सीएम योगी ने प्रयागराज में प्रदेश के अन्य जिलों के रहने वाले छात्रों को उनके गृह जनपद में पहुंचाने का आदेश जारी किया है। जिससे करीब 10 हजार छात्रों को 300 बसों से उनके गृह जनपद तक पहुंचाया जाएगा। उक्त जानकारी सोमवार को लोकभवन में कोरोना वायरस के संबंध में की गयी प्रेस कांफ्रेंस में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने पत्रकारों को दी। अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को टीम-11 के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में लॉकडाउन के स्थिति की समीक्षा की।
प्रयागराज में 3 जगहों से 300 बस होंगी रवाना
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के छात्रों के हित को हमेशा वरियता देते रहे हैं। सीएम योगी ने प्रयागराज में शिक्षारत 10 हजार छात्रों को उनके गृह जनपदों तक पहुंचाने का आदेश जारी किया है। इसके लिए प्रयागराज के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और रोडवेज के एमडी को आदेश दिया गया है कि 300 बसों को तैनात कर सभी छात्रों को उनके गृह जनपद पहुंचा दिया जाए। ये बसें प्रयागराज में तीन जगहों से चलेंगी। इस प्रक्रिया के पहले चरण में सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर और चित्रकूट के छात्रों को भेजने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद दूसरे चरण में इन्हीं बसों से अन्य जनपद में छात्रों को भेजा जाएगा। छात्र – छात्राओं की अलग अलग व्यवस्था की गई है। अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर छात्र का पूरा ब्यौरा रखा जाए।
हरियाणा से वापस लाये गए 12200 से अधिक कामगार
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद हरियाणा से अबतक 12,200 श्रमिकों को यूपी लाया गया है। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए 328 बसों को लगाया गया है। 26 अप्रैल को प्रदेश के चार बार्डर पर 9992 श्रमिकों को लाया गया। जिसमें सहारनपुर के बार्डर पर 74, शामली के बार्डर पर 55 इसी तरह बागपत के बार्डर पर 47, मथुरा के बार्डर पर 63 और बुलंदशहर के बार्डर पर 89 बसें हरियाणा से श्रमिकों को लेकर पहुंची हैं। इसके पहले 25 अप्रैल केा 2224 श्रमिकों को लाया गया था। उन्होंने बताया कि आने वाले सभी श्रमिकों की मेडिकल जांच करा ली गई है। इसके बाद भी उन्हें 349 बसों के माध्यम से अपने अपने जिले के क्वारंटीन सेंटर में भेजा गया है जहां उन्हें 14 दिनों तक रहना होगा।
प्रधानमंत्री को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रदेश के हालात बताये
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरीए प्रदेश के हालात की जानकारी दी। साथ ही लॉकडाउन के गंभीरता से पालन किए जाने के बाद में विस्तार से बताया। इसके बाद टीम 11 के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 1 मई 2020 से प्रदेश में निशुल्क खाद्यान्न वितरण का कार्य शुरू कर दिया जाए। हर जरूरतमंद को राशन उपलब्ध हो इसकी निगरानी जनपद स्तर पर वरिष्ठ अधिकारी करते रहें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में करीब 3 करोड़ 50 लाख राशन कार्ड पर 1 मई से एक बार फिर राशन वितरण का कार्य शुरू होगा। इसके अलावा प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए हर जिलें में 15,000 से 25,000 क्षमता के क्वारंटीन सेंटरों के निर्माण का निर्देश भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है।
कोरोना वायरस के संबंध में अपर मुख्य सचिव, गृह व सूचना एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य की प्रेसवार्ता… https://t.co/nDkJCuX6A2
— Government of UP (@UPGovt) April 27, 2020
प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पहले से बेहतर
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ही 18 जिलों में विशेष नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है। सीएम योगी ने सोमवार को आगरा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी में तैनात नोडल अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा कर उन्हें आवश्यक निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पहले से बेहतर है। प्रदेश में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर संक्रमण और मृत्युदर अन्य राज्यों से बहुत बेहतर है।
प्रदेश में अबतक 1955 केस, 31 लोगों की कोरोना से मौत : प्रमुख सचिव स्वास्थ्य
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में अबतक 1955 केस सामने आए हैं। जिनमें 1589 एक्टिव केस हैं। उपचार के बाद 1955 में से 335 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें घर भेज दिया गया है। हालांकि कोरोना के कारण प्रदेश में 31 लोगों की मौत हुई है। प्रदेश के 59 जनपद कोरोना से प्रभावित हुए हैं। इंदौर से आए श्रमिक के कारण पीलीभीत में दोबारा संक्रमण का नया केस सामने आया है। 17 जिलों में अभी भी कोरोना का कोई केस नहीं मिला। जबकि 9 जिले कोरोना से मुक्त हुए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में मेडिकल इंफेक्शन की निगरानी व बचाव के लिए समिति बनाने का आदेश जारी कर दिया गया है। यह समिति अतिरिक्त चिकित्साधिकारी के देखरेख में कार्य करेगी। इसमें जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, आईएमए, डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ और पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के प्रतिनिधि होंगे। उन्होंने बताया कि मेडिकल क्वारंटीन में 11363 और आइसोलेशन में 1784 लोगों को रखा गया है। जबकि 15 लोगों को ऑक्सीजन पर रखा गया है।