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आंध्रप्रदेश में 15 साल की लड़की से दो साल तक सामूहिक दुष्कर्म, 13 गिरफ्तार

एडगुराल्लापल्ली (आंध्र प्रदेश). आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां श्री सत्या जिले में 15 वर्षीय दलित लड़की (dalit girl) से दो साल तक कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार (13 arrested) किया गया है। जघन्य अपराध 9 जून को तब सामने आया, जब लड़की गर्भवती हो गई और उसने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम और बीएनएस सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

श्री सत्य साईं जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) वी रत्न ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘इस जघन्य मामले में आरोपियों की पहचान की गई, उनका पता लगाया गया और धर्मावरम उपखंड के तहत विशेष टीमों की ओर से समन्वय के साथ उन्हें गिरफ्तार किया गया।’

प्रारंभिक जांच से क्या पता चला?
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि अपराधियों की ओर से लड़की को उसकी आपत्तिजनक तस्वीरों और वीडियो के जरिए कथित तौर पर ब्लैकमेल किया गया। लड़की आठ महीने की गर्भवती है और वर्तमान में अनंतपुर जिले के एक सरकारी सामान्य अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों और जिला अधिकारियों ने उसकी हालत और गर्भ के अंतिम दौर में होने की वजह से गर्भपात न करने का फैसला किया है। पुलिस प्रसव के बाद लड़की को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए बाल कल्याण समिति के साथ समन्वय कर रही है। बच्चे पर डीएनए परीक्षण के लिए परमिट मांगा गया है क्योंकि यह कानूनी कार्यवाही के लिए महत्वपूर्ण होगा।

गिरफ्तार किए गए कुछ व्यक्तियों का आपराधिक रिकॉर्ड
पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए कुछ व्यक्तियों का आपराधिक रिकॉर्ड है। एक पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘आठ महीने की गर्भवती होने के बावजूद किसी स्थानीय व्यक्ति ने अधिकारियों को सूचित नहीं किया। हमारा मानना है कि जातिगत कलंक और डर के कारण समुदाय ने बार-बार होने वाले दुर्व्यवहार पर चुप्पी साध ली।’ पुलिस ने कहा कि संदेह है कि कुछ ग्रामीणों ने मामले को दबाने के लिए लड़की पर एक आरोपी से शादी करने का दबाव बनाया। जांच जारी है।

आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया
पीड़ित लड़की ने कहा कि वह एक सरकारी स्कूल की छात्रा है। पुलिस ने इसकी पुष्टि की है। स्कूल, स्वास्थ्य या बाल संरक्षण अधिकारियों की ओर से किसी भी संभावित चूक की जांच की जा रही है। फरार लोगों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड के अधीन रखा गया है।

पीड़ित परिवार गरीब और कमजोर
पीड़िता की मां मजदूर है और उसके पिता का निधन हो चुका है। पुलिस का मानना है कि कमजोर आर्थिक और सामाजिक स्थिति की वजह से पीड़ित परिवार समुदाय के दबाव में रहा और चुप्पी साधने को मजबूर हुआ।

जिला प्रशासन ने लड़की की सुरक्षा का आश्वासन दिया
इस बीच जिला प्रशासन ने लड़की की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। उसकी चिकित्सा आवश्यकताओं, कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने और ठीक होने के दौरान मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने का वादा किया है।

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