स्वास्थ्य

अमेरिका में इस सीजन में इंफ्लूएंजा से हुई 15000 मौतें

नई दिल्ली ( दस्तक ब्यूरो) : अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ( Centre for disease control and prevention) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि इस सीजन में में अमेरिका में फ्लू ( इंफ्लूएंजा) से 15000 मौतें हुईं हैं और करीब 2.5 लाख लोगों को इसके चलते अमेरिकी अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा है।

क्या है इन्फ्लूएंजा बीमारी: फ्लू, जिसे इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है, नाक, गले और फेफड़ों का संक्रमण है, जो श्वसन प्रणाली का हिस्सा हैं। फ्लू एक वायरस के कारण होता है। इन्फ्लूएंजा वायरस को आमतौर पर फ्लू कहा जाता है, लेकिन यह पेट के “फ्लू” वायरस से अलग है जो दस्त और उल्टी का कारण बनता है। फ्लू सबसे आम संक्रामक रोगों में से एक है । प्रत्येक फ़्लू सीज़न में, अमेरिका में लगभग 20 से 40 मिलियन लोग फ़्लू से पीड़ित होते हैं।

इन्फ्लुएंजा के प्रकार : इन्फ्लुएंजा वायरस 4 प्रकार के होते हैं जिसमें- टाइप ए, बी, सी और डी शामिल है। इन्फ्लुएंजा ए और बी वायरस के फैलने से लोग सीजनल वायरल का शिकार होते हैं।इन्फ्लुएंजा ए वायरस को हेमाग्लगुटिनिन (एचए) और न्यूरोमिनिडेस (एनए) के कॉम्बिनेशन के आधार पर सबटाइप में बांटा गया है। मौजूदा समय में लोगों में इस वायरस के दो सबटाइप इन्फ्लुएंजा A(H1N1) और इन्फ्लुएंजा A(H3N2) के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। A(H1N1) को A(H1N1)pdm09 के रूप में भी लिखा जाता है, क्योंकि यह साल 2009 में महामारी का कारण बना था। इन्फ्लुएंजा के टाइप A वायरस को ही महामारी का कारण माना जाता है।

इन्फ्लुएंजा-बी वायरस के सबटाइप नहीं हैं, बल्कि इसे लिनिएज में बांटा जा सकता है। इन्फ्लुएंजा टाइप-बी जिसका संक्रमण आजकल देखने को मिलता है, वह या तो बी/यामगाटा से होता है या फिर बी/विक्टोरिया लिनिएज के कारण।इन्फ्लुएंजा के टाइप सी वायरस से जुड़े मामले काफी कम ही देखने को मिलते हैं। आमतौर पर यह टाइप हल्के संक्रमण का कारण बनता है।

इन्फ्लुएंजा डी वायरस मुख्य रूप से मवेशियों को प्रभावित करता है और यह लोगों को संक्रमित करने या उनमें बीमारी का कारण नहीं माना जाता है।

इन्फ्लुएंजा से बचाव के लिए जरूरी है कि आप दिन कई बार अपने हाथों को साबुन से धोएं। हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें। बार-बार अपने चेहरे को छूने से बचें। टेबल, डेस्क, दरवाजे आदि को लगातार साफ करते रहें। कहीं भी बाहर से घर लौटने के बाद तुरंत हाथ धोएं। खांसते या छींकते समय अपना मुंह अच्छे से ढकें। अगर आप संक्रमित हैं या आपमें लक्षण नजर आ रहे हैं, तो लोगों से मिलने से बचें।

Related Articles

Back to top button