
देश के 153 जिले इस साल गर्मियों का सीजन शुरू होने से पहले ही सूखे की चपेट में आ गए हैं। वहीं केंद्र सरकार का मौसम विभागभी इस साल के मानसून सीजन के लिए पूर्वानुमान की घोषणा करेगा।
किसानों पर पड़ी दोहरी मार
इस बार अप्रैल के महीने में उत्तर भारत में कई राज्यों में हुई बारिश, आंधी और आगजनी के चलते गेंहू की पकी फसल बर्बाद हो गई है। गेंहू के भीग जाने से जहां दाना कमजोर पड़ गया है जिससे फसल का दाम भी नहीं निकलेगा, वहीं दूसरी तरफ सूखे की चपेट में आने से खेती के लिए सिंचाई और लोगों को पीने के पानी की समस्या होने की आशंका है।
इस बार अप्रैल के महीने में उत्तर भारत में कई राज्यों में हुई बारिश, आंधी और आगजनी के चलते गेंहू की पकी फसल बर्बाद हो गई है। गेंहू के भीग जाने से जहां दाना कमजोर पड़ गया है जिससे फसल का दाम भी नहीं निकलेगा, वहीं दूसरी तरफ सूखे की चपेट में आने से खेती के लिए सिंचाई और लोगों को पीने के पानी की समस्या होने की आशंका है।
अक्टूबर 2017 से कम हो रही है बारिश
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के डाटा के अनुसार अक्टूबर 2017 से देश के 404 जिलों में बहुत ही कम बारिश हो रही है। इनमें से 140 जिलों में हालत काफी बुरे हैं, क्योंकि अक्टूबर 2017 से मार्च 2018 के बीच बारिश न के बराबर है। वहीं 109 जिलों में की हालत थोड़ी सी सही है और 156 जिले सूखे की जद से काफी बाहर हैं।