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मालेगांव बम धमाके मामले 17वां गवाह बयान से पलटा

मुंबई: मालेगांव बम धमाके मामले का 17वां गवाह अपने बयान से पलट गया है। इतना ही नहीं गवाह की ओर से अदालत को बताया गया है कि एटीएस ने अगवा कर तीन से 4 दिन तक अवैध तौर पर हिरासत में रखा गया था। यही नहीं उस पर दबाव बनाया था कि वह मामले में आरएसएस के नेताओं का नाम ले। मामले में इससे पहले भी 16 गवाह अपने बयान से मुकर चुके हैं। 15वें गवाह ने अपने बयान से मुकरकर सनसनीखेज आरोप लगाकर कहा था कि एटीएस की ओर से उस पर दबाव था कि वह योगी आदित्यनाथ का मामले में नाम ले। इसके अलावा आरएसएस के सीनियर नेता इंद्रेश कुमार और स्वामी असीमानंद का नाम लेने का दबाव डालने का दावा किया था।

मामले में कुल 220 लोगों की गवाही ली गई थी, जिनमें से अब तक 17 लोग मुकर चुके हैं। बता दें कि फिलहाल उगाही के आरोपों का सामना कर रहे पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह जब एटीएस के अतिरिक्त कमिश्नर थे, तब मामले की जांच की गई थी। इससे पहले बीते महीने भी गवाह ने अपना बयान पलट दिया था। उसका कहना था कि उस पर दबाव डाला गया था कि वह संघ के लोगों का नाम ले। इस पर आरएसएस के लीडर इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस नेताओं पर हमला बोलकर कहा था कि उन्हें मामले में माफी मांगनी चाहिए।

नासिक के मालेगांव कस्बे में मस्जिद के पास खड़ी मोटर साइकिल में रखे बम के फटने पर 6 लोगों की मौत हुई और 100 लोग जख्मी हुए थे। 29 सितंबर 2008 की घटना में मौजूदा लोकसभा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी का नाम सामने आया था। फिलहाल ये सभी लोग जमानत पर हैं। इन सभी लोगों के खिलाफ यूएपीए और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत केस चल रहा है।

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