राष्ट्रीय

18 सालों से बहिष्कार की सजा भोग रहा एक परिवार

गया : आज के इस आधुनिक समाज में किसी परिवार को उसके स्व समाज द्वारा 18 साल से बहिष्कार करना और परिवार द्वारा उसका दंश झेलने की व्यथा को भले ही दकियानूसी समझा जाए लेकिन यह हकीकत है.पटवा समाज से जुड़े मुखिया पूर्णप्रकाश ने इसके खिलाफ पुलिस से लेकर मानवाधिकार तक गुहार लगाई, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा.आज भी यह परिवार अपने ही समाज से अलग रहने को मजबूर है.गौरतलब है कि गया का पटवाटोली मोहल्ला पावरलूम की आवाज से गुंजित होता रहा है,लेकिन यहां के पूर्णप्रकाश का परिवार इसलिए स्वजाति का बहिष्कार का दर्द सहन कर रहा है ,क्योंकि 1998 में उन्होंने अपने पूर्वजों की जमीन को पटवा समिति को देने से न केवल मना कर दिया था, बल्कि कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था . पटवा समाज को यह बात इतनी नागवार लगी कि उसके परिवार को जाति से बेदखल कर दिया गया. तब से पूरा पटवा टोली पूर्ण प्रकाश के परिवार का पूर्ण बहिष्कार कर रहा है.

सामाजिक बहिष्कार की इस सजा का दर्द कितना गहरा है इसे इस बात से समझा जा सकता है कि पिछले 18 सालों से पटवा जाति के लोगों ने बात नहीं की, मोहल्ले के दुकानदारों ने राशन नहीं दिया. समाज ने यह फतवा भी जारी कर दिया कि चोरी छिपे इन्हें कोई सामान बेचता है तो उसे 50 हजार जुर्माना देना होगा.यह परिवार ना तो किसी की खुशियों में शामिल हो सकता है और ना ही गम में.यह परिवार भी पावरलूम चलाता है. लेकिन  ये सिर्फ दूसरी जाति के लोगों का कच्चा माल खरीदते हैं और बेचते हैं. यहां तक की मंदिर में जाने पर भी रोक है.

पूर्णप्रकाश ने बताया कि हम ससुराल और बच्चे अपने नाना-नानी के घर नहीं जा सकते हैं. यहां तक कि अगर रास्ते में मिल भी जाए तो बातचीत पर प्रतिबंध है. अगर चोरी छिपे बात कर भी लें तो फिर उस परिवार को भी जाति से बेदखल करने का डर हमें और परिवार वालों को सताता है. ऐसा नहीं है कि इस अन्याय के खिलाफ पूर्णप्रकाश ने आवाज नहीं उठाई.उन्होंने इसकी शिकायत थाने से लेकर मानवाधिकार तक की लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला.

हालाँकि श्री दुर्गा जी पटवा जाति सुधार समिति के फरमान के खिलाफ 80 प्रतिशत पटवा लोग हैं, लेकिन कोई हिम्मत नहीं करता.जिसने हिम्मत दिखाई उसे जाति से बेदखल कर दिया गया.शायद पटवा जाति का यह कानून देश के संविधान से भी बड़ा है. अब पीड़ित परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी गुहार लगाई है. देखते हैं वहां से क्या कार्रवाई होती है .

Related Articles

Back to top button