स्पोर्ट्स

18 अगस्त से शुरू एशियन गेम्स: मेडल जीतते ही इतिहास रच सकते हैं विकास कृष्ण

विकास कृष्ण लगातार तीन एशियाई खेलों में पदक जीतने वाला पहले भारतीय मुक्केबाज बनने के लक्ष्य के साथ एशियन गेम्स-2018 में उतरेंगे. इन खेलों की शुरुआत इंडोनेशिया के दो शहरों जकार्ता और पालेमबैंग में 18 अगस्त से होगी.

2010 के स्वर्ण और 2014 के कांस्य पदक विजेता विकास कृष्ण इस बार भी पदक जीतने में कामयाब रहे, तो वह एशियाई खेलों में पदकों की संख्या के मामले में हवा सिंह और विजेंदर सिंह जैसे दिग्गज मुक्केबाजों को पीछे छोड़ देंगे.

हैवीवेट बॉक्सर हवा सिंह ने 1966 और 1970 में लगातार दो एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीते, जिसकी बराबरी आज तक अन्य कोई भारतीय मुक्केबाज नहीं कर पाया है.

मिडिलवेट के स्टार मुक्केबाज विजेंदर ने 2006 दोहा एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने के बाद 2010 ग्वांग्झू एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था.

विकास ने 2010 में लाइटवेट में स्वर्ण, जबकि 2014 में मिडिलवेट वर्ग में आने के बाद कांस्य पदक जीता.

यह पूछने पर कि एशियाई खेलों के लिए जाने से पूर्व किसी तरह का दबाव है, विकास ने कहा, ‘नहीं ऐसा नहीं है, असल में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने से मेरे ऊपर से सारा दबाव हट गया. मानसिक रूप से मैं काफी अच्छी स्थिति में हूं.’

विकास एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के सबसे सफल मुक्केबाजों में से एक होने के अलावा विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले चार भारतीय मुक्केबाजों में से भी एक हैं.उन्होंने कहा, ‘मेरा शरीर पूरी तरह से सही स्थिति में है. पिछले महीने शेफील्ड में ट्रेनिंग दौरे के दौरान बुखार होने से झटका लगा था, लेकिन अब मैं पूरी तरह से फिट हूं.’

यह पूर्व विश्व युवा चैंपियन एक से अधिक बार पेशेवर बनने पर विचार कर चुका है, लेकिन एशियाई खेलों से पहले उन्होंने इस पर बात नहीं करने का फैसला किया. विकास ने कहा, ‘अगले 20 दिन मेरा ध्यान एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने पर है. भविष्य के बारे में 20 दिन बाद बात करेंगे.’

Related Articles

Back to top button