रांची: युद्धग्रस्त देश यूक्रेन में फंसे झारखंड के छात्रों समेत कुल 184 लोगों में से 179 लोग सुरक्षित यहां वापस लौट आए हैं, जबकि एक-एक छात्र हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट और रूस में चले गए हैं और वहां सुरक्षित हैं। लेकिन तीन अन्य से राज्य सरकार का संपर्क नहीं हो पा रहा है। अनुमान है कि वह भी सुरक्षित वापस आ चुके होंगे अन्यथा उनके परिजन यहां के अधिकारियों से अवश्य संपर्क करते। युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटने वाले राज्य के छात्रों एवं अन्य लोगों की सहायता के लिए स्थापित नियंत्रण कक्ष के प्रमुख जॉनसन टोपनो ने बताया कि राज्य के 184 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की प्रारंभिक सूचना एकत्रित की गयी थी और उनमें से 179 कल शाम तक यहां लौट आये।
उन्होंने बताया कि तीन अन्य लोगों से संपर्क नहीं हो सका है और न ही उनके परिजनों ने अथवा उन्होंने राज्य सरकार से कोई संपर्क साधा है, जिससे यह अनुमान लगाया गया है कि वह भी सुरक्षित वापस आ चुके होंगे। यह भी संभव है कि वह भारत के किसी अन्य राज्य में रुक गये होंगे। उन्होंने बताया कि यदि ये तीनों किसी संकट में होते तो निश्चित ही उन्होंने राज्य सरकार से संपर्क किया होता।
झारखंड पहला राज्य था जिसने अपने नागरिकों को युद्धग्रस्त यूक्रेन से वापस आने पर आने का किराया देने की घोषणा की थी। टोपनो ने बताया कि यूक्रेन से झारखंड में वापसी करने वाले 179 छात्रों एवं अन्य लोगों में से सर्वाधिक 32 रांची के, 26 पूर्वी सिंहभूम के, 18 धनबाद के और 15 गोड्डा के हैं। इनके अलावा पलामू के 14, हजारीबाग के 13, बोकारो के 10, गुमला एवं पश्चिमी सिंहभूम 5-5, रामगढ़ एवं गढ़वा के 4-4, लातेहार, पाकुड़, गिरिडीह एवं कोडरमा के 3-3 लोग यूक्रेन से वापस राज्य में आये हैं। शेष 21 लोग राज्य के अन्य जिलों में यूक्रेन से लौटे हैं।