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जयपुर में हुआ 18वीं अखिल भारतीय विधिक सेवा बैठक का आयोजन

जयपुर: हाल ही में राजस्थान के जयपुर में 18वीं अखिल भारतीय विधिक सेवा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने भाग लिया। इस बैठक में उन्होंने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। किरेन रिजिजू ने कहा इस वर्ष से ही ( 2022) देश में नागरिकों के लिए टेली-लॉ सेवा नि:शुल्‍क की जा रही है। दरसअल देश के संविधान ने देश की सरकार और राजव्यवस्था को लोककल्याणकारी बनाने के लिए राज्य के नीति निदेशक तत्वों का प्रावधान किया है और संविधान के अनुच्छेद 39 a में निः शुल्क विधिक सहायता देश के नागरिकों को देने की बात की गई है । देश में नालसा के तहत लीगल क्लीनिक्स की सुविधा इसी बात पर आधारित है।

जैसे टेली मेडिसिन या टेली एजुकेशन के जरिये देश में स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाओं और सेवाओं को बढ़ावा दिया गया है ठीक उसी तरह टेली-लॉ ने कानूनी सहायता से वंचित व्‍यक्तियों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए 1 लाख ग्राम पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) में उपलब्ध टेली/वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से इसे पैनल अधिवक्‍ताओं के साथ जोड़कर उन्‍हें कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यधारा में लाने का कार्य किया है। आसान और सीधी पहुंच के लिए टेली-लॉ मोबाइल एप्लिकेशन (एंड्रॉइड और आईओएस दोनों) का भी 2021 में शुभारंभ किया गया और यह वर्तमान में 22 अनुसूचीबद्ध भाषाओं में उपलब्ध है।

इस डिजिटल क्रांति का लाभ उठाते हुए, टेली-लॉ ने केवल पांच वर्षों में कानूनी सेवाओं की पहुंच के दायरे का 20 लाख से अधिक लाभार्थियों तक विस्‍तार कर दिया है। नालसा प्रत्येक जिले में विशेष रूप से टेली-लॉ कार्यक्रम के लिए 700 अधिवक्‍ताओं की सेवाएं प्रदान करेगा। पैनल में शामिल ये अधिवक्‍ता अब रेफरल अधिवक्‍ताओं के रूप में भी कार्य करेंगे और मुकदमेबाजी से पहले के चरण में विवाद से बचने और विवाद समाधान के तंत्र को मजबूत करने में भी मदद करेंगे। किरेन रिजिजू ने विश्वास व्यक्त किया कि एसोसिएशन कुछ ही समय में 1 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंचने में भी सहायता प्रदान करेगी।

इस बैठक में विचाराधीन कैदियों ( undertrail prisoners ) की रिहाई पर बल दिया गया। जेलों की भीड़भाड़ कम करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके लिए नालसा स्टेट लीगल सर्विस अथारिटी और डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के साथ मिलकर पहले से ही ” विचाराधीन कैदियों की समीक्षा समिति के जरिये विचाराधीन कैदियों को नि:शुल्‍क कानूनी सहायता/कानूनी परामर्शदाता उपलब्ध करा रहा है। पिछले वर्ष के दौरान विचाराधीन कैदियों की समीक्षा समिति की कुल 21,148 बैठकें आयोजित की गईं, जिसके परिणामस्वरूप 31,605 विचाराधीन कैदियों को रिहा किया गया।

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