रायपुर : भारत के दो सबसे बड़े बिजनेस हाउस, अडानी ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज , छत्तीसगढ़ की कंपनी एसकेएस पावर का अधिग्रहण करने की दौड़ में हैं। इस प्लांट पर बैंक आॅफ बड़ौदा और एसबीआई का लगभग 1,900 करोड़ रुपए बकाया है। अन्य बिडर्स में एनटीपीसी, टोरेंट पावर, शारदा एनर्जी एंड मिनरल्स, जिंदल पावर और सिंगापुर स्थित वैंटेज प्वाइंट एसेट मैनेजमेंट शामिल हैं।
अडाणी पहले से ही थर्मल पावर के कारोबार में है। ग्रुप की कंपनी, अडाणी पावर के की गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में उपस्थिति के साथ 13,650 मेगावाट की स्थापित क्षमता है। इसलिए, कोल बेस्ड इस प्लांट का अधिग्रहण अडाणी ग्रुप के लिए काफी मायने रखता है। अडाणी ग्रुप के पास, आॅस्ट्रेलिया में खदानें हैं, जहां से उच्च कैलोरी मान वाला कोयले मिलता है।
रिलायंस की बात करें तो, कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी पहले ही बता चुके हैं, उनका फोकस न्यू एनर्जी पर है। पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर पीवी (फोटोवोल्टिक) मैन्युफैक्चरिंग के लिए चार गीगा कारखानों के साथ जामनगर में एक गीगा कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना है, जिसमें सेल और मॉड्यूल शामिल होंगे। रिलायंस को ग्रीन हाइड्रोजन के लिए थर्मल पावर की जरूरत होगी, क्योंकि इसमें काफी सारी मैन्युफैक्चरिंग शामिल है।