1924 की बाढ़ ने भी केरल में मचाई थी भयानक तबाही, एक हजार से ज्यादा लोगों की हुई थी मौत
केरल इस समय पिछले 94 साल में आए सबसे भयानक बाढ़ का सामना कर रहा है। बाढ़ की वजह से अब तक करीब 19,512 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के बाद केरल को तत्काल 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। इससे पहले 12 अगस्त को गृह मंत्रालय द्वारा 100 करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं।
ये 12 जिले बाढ़ और बारिश से बुरी तरह प्रभावित
इडुक्की- 2,945 मिमी. बारिश (सामान्य से 70 फीसदी ज्यादा बारिश)
पलक्कड़- 1,950 मिमी. बारिश (सामान्य से 57 फीसदी ज्यादा बारिश)
कोट्टायम- 2,034 मिमी. बारिश (सामान्य से 41 फीसदी ज्यादा बारिश)
मालापुरम- 2,346 मिमी. बारिश (सामान्य से 40 फीसदी ज्यादा बारिश)
एर्नाकुलम- 2,205 मिमी. बारिश (सामान्य से 38 फीसदी ज्यादा बारिश)
कोल्लम- 1,352 मिमी. बारिश (सामान्य से 38 फीसदी ज्यादा बारिश)
तिरूवनंतपुरम- 875 मिमी. बारिश (सामान्य से 37 फीसदी ज्यादा बारिश)
पठानमथिट्टा- 1,640 मिमी. बारिश (सामान्य से 28 फीसदी ज्यादा बारिश)
कोझिकोड- 2,611 मिमी. बारिश (सामान्य से 22 फीसदी ज्यादा बारिश)
वयानाड- 2,604 मिमी. बारिश (सामान्य से 21 फीसदी ज्यादा बारिश)
अलपुज्जा- 1,573 मिमी. बारिश (सामान्य से 21 फीसदी ज्यादा बारिश)
कन्नूर- 2,413 मिमी. बारिश (सामान्य से 9 फीसदी ज्यादा बारिश)
इन दो जिलों में हुई सामान्य से कम बारिश
थिसूर- 2,161 मिमी. बारिश (सामान्य से 13 फीसदी कम बारिश)
कसारागोड- 1,683 मिमी. बारिश (सामान्य से 2 फीसदी कम बारिश)
केरल में 1924 की बाढ़ ने मचाई थी सबसे ज्यादा तबाही
केरल में अब तक की सबसे भयानक बाढ़ 1924 में आई थी। तब राज्य में रिकॉर्ड 3,368 मिमी. बारिश हुई थी। तीन हफ्ते तक लगातार हुई बारिश ने पूरे राज्य को डूबो कर रख दिया था। जानकारी के मुताबिक, उस समय करीब 1,000 लोगों की मौत हुई थी।
मौसम विभाग के मुताबिक, फिलहाल राज्य के लोगों को भारी बारिश से निजात नहीं मिलने वाली है। पूरे अगस्त और सितंबर में भी लगभग यही हालात बने रहेंगे।