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देश में 31 जनवरी तक 193.5 लाख टन चीनी का हुआ उत्पादन

नई दिल्ली : देश में चीनी विपणन वर्ष 2022-२३ में 31 जनवरी तक चीनी का उत्पादन 193.5 लाख टन हुआ है। पिछले चीनी विपणन वर्ष की अक्टूबर-जनवरी अवधि के दौरान 187.1 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में चीनी का उत्पादन बढ़ने की वजह से चालू चीनी विपणन वर्ष के पहले चार महीनों में देश के चीनी उत्पादन में 3.42 फीसदी का इजाफा हुआ है।

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि चीनी मिलों ने 31 जनवरी तक इथेनॉल के निर्माण के लिए भेजे गए शीरे को अलग करने के बाद कुल 193.5 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जबकि पिछले पिछले चीनी विपणन वर्ष की अक्टूबर-जनवरी अवधि में 187.1 लाख टन चीनी का उत्पादन का उत्पादन हुआ था। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। वहीं, भारत दुनिया का प्रमुख चीनी उत्पादक देश है।

बयान के मुताबिक 31 जनवरी, 2023 तक लगभग 520 चीनी मिलें पेराई कर रही थीं, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 510 चीनी मिलें काम कर रही थीं, जिसमें एक चीनी मिल इस तारीख समय से पहले पेराई का काम बंद कर दिया था। देश के अग्रणी चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन अक्टूबर-जनवरी के दौरान बढ़कर 73.8 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले 72.9 लाख टन रहा था।

उद्योग निकाय के मुताबिक देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन इस दौरान 51 लाख टन रहा है, जबकि पिछले चीनी विपणन वर्ष की समान अवधि में 50.3 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। इसी के साथ अक्टूबर-जनवरी के दौरान तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में चीनी का उत्पादन पिछले साल के 38.8 लाख टन के मुकाबले बढ़कर 39.4 लाख टन हो गया।

चीनी विपणन वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-जनवरी अवधि के दौरान अन्य राज्यों में भी चीनी का उत्पादन 29.3 लाख टन रहा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 25.1 लाख टन था। उद्योग निकाया ने बताया कि मौजूदा चीनी विपणन वर्ष की अक्टूबर-जनवरी की अवधि में इथेनॉल उत्पादन के लिए लगभग 22.6 लाख टन चीनी की खपत की गई, जो कि एक साल पहले की समान अवधि के 16.3 लाख टन से थोड़ा ज्यादा है।

इस्मा के संशोधित अनुमान के मुताबिक चीनी विपणन वर्ष 2022-23 के दौरान भारत का कुल चीनी उत्पादन पांच फीसदी घटकर 340 लाख टन रह सकता है, जबकि पिछले चीनी विपणन वर्ष 2021-22 में चीनी का उत्पादन 358 लाख टन रहा था। इस्मा का कहना है कि चीनी के उत्पादन में यह कमी अधिक मात्रा में गन्ने के रस को इथेनॉल के उत्पादन में खपाने के कारण हुआ है। इस्मा ने इससे पहले 365 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान जताया था।

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