1964 में ही भारत परमाणु बम बनाने में हो गया था सक्षम
एजेंसी/ वाशिंगटन। भारत सन 1964 में ही परमाणु बम बनाने की क्षमता प्राप्त कर चुका था। यह रहस्योद्घाटन अमेरिका के विदेश मंत्रालय की 14 मई, 1964 की गोपनीय रिपोर्ट से हुआ है।
रिपोर्ट में जिक्र है कि कनाडा से भेजे गए ट्रांबे के रिएक्टर में किए गए बदलाव से यह निष्कर्ष निकला। इसी के बाद अमेरिका को खुफिया रिपोर्ट प्राप्त हुई कि भारत परमाणु बनाने की क्षमता प्राप्त कर चुका है, भले ही वह इसे अभी बनाए या नहीं।
भारत द्वारा परमाणु बम बनाने के कोई सुबूत नहीं थे लेकिन यह साफ हो गया था कि हथियार तैयार करने के लिए शोध कार्यक्रम वह शुरू कर चुका है। इस रिपोर्ट को अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी अर्काइव ने बुधवार को प्रकाशित किया है।
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रांबे के रिएक्टर में हर छह महीने में बदलाव किए गए जिसके चलते भारत की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता का शक पुख्ता हुआ। परमाणु बम में प्रयुक्त होने वाले स्तरीय प्लूटोनियम को तैयार करने में छह महीने का समय लगता है।
रिपोर्ट में कहा गया रिएक्टर देते वक्त कनाडा ने उसमें कोई सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए थे कि बम में प्रयुक्त होने वाले प्लूटोनियम को तैयार करने से उसे रोका जा सके। एक तरह से भारत को इसके लिए खुला अवसर दिया गया था, जिसका भारत ने फायदा उठाया।
विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार भारत की तत्कालीन सरकार ने राष्ट्रप्रेम की भावना से वशीभूत होकर परमाणु संस्थान तैयार किया था लेकिन बाद में उसके उद्देश्य में हथियार बनाना भी जुड़ गया। लेकिन कहीं पर इसके सुबूत मिलने का जिक्र नहीं है।
चीन कर रहा था पाक का सहयोग
अमेरिका खुफिया एजेंसी सीआइए की सार्वजनिक हुई पुरानी गोपनीय जानकारी के अनुसार अमेरिका 1970 में ही जान गया था कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को चीन मदद दे रहा है। चीन ने अक्टूबर 1964 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था।