त्रिची : तमिलनाडु के तंजावुर में पंचलोहा की बेशकीमती मूर्तियों के चोरी होने के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में खास बात यह है कि एफआईआर मूर्तियों के चोरी होने के 47 साल बाद दर्ज की गई है। ये मूर्तियां कुंभकोणम के नटनपुरेश्वर मंदिर से चोरी हुई थीं, जिनकी कीमत 110 करोड़ रुपये बताई जा रही है। पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि चोरी गई मूर्तियों में पहली एक फुट की और दूसरी डेढ़ फुट की भगवान कृष्ण की नाचते हुए मूर्ति है। इसके अलावा अगस्तियार की मूर्ति, छह इंच की अय्यनर की, एक छह इंच की अम्मन की मूर्तियां शामिल हैं। ये सभी मूर्तियां 12 मई 1971 को मंदिर का दरवाजा तोड़कर चोरी की गई थीं। एक साल बाद थंडन गांव से 1300 साल पुराने मंदिर से एक अन्य मूर्ति चोरी हुई। कुंभकोणम के नटनपुरेश्वर नटराजन और गोलू अम्मन की मूर्तियां पंचलोहे की बनी थीं जिनकी कीमत 50 करोड़ रुपये है। सभी सातों मूर्तियां अब तक बरामद नहीं हो सकी हैं। यह बात सामने आई है कि नटराजन की मूर्ति पहले लंदन के म्यूजियम में रखी थी, बाद में उसे अमेरिका ले जाया गया। पुलिस ने बताया कि मंदिर के ट्रस्टी सुब्रमण्यम अय्यर और वेंकटरामा अय्यर की ओर से बार-बार कहने के बाद भी केस नहीं दर्ज किया जा सका था। यहां तक कि इस मामले में प्रधानमंत्री से भी गुहार लगाई गई थी। केस दर्ज न होने के कारण यह मामला 47 साल से पेंडिंग था।