1971 में ऐसे छाती पर बम रख युद्ध में उडाये थे पाकिस्तानी टैंक
भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध की एक निशानी आज भी राजस्थान के भरतपुर में भारतीय फौज की बहादुरी को बढ़ा रहा है. गोवर्धन गेट चौराहे पर पाकिस्तान का वह अविजित टैंक रखा हुआ है जिसे अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत से लड़ने के लिए दिया था.
पाकिस्तान के हारने के बाद भारत के वीर जवान पाकिस्तान के इस अविजित टैंक को अपने साथ भारत ले आए थे. अमेरिका ने पाकिस्तान को इस टैंक को देते समय बताया था कि यह अविजित टैंक है. इस पर किसी भी मिसाइल, बम या आग्नेय शस्त्र का असर नहीं हो सकता.
भारतीय फौज के जवानों ने ऐसे टैंकों को खाई खोद कर और अपनी छाती पर बम रख ध्वस्त कर दिया था जिससे पाकिस्तान के मंसूबों पर पूरी तरह से पानी फिर गया था.
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भरतपुर के भी 3 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे. उनकी शहादत को सलाम करते हुए देश के रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान का यह टैंक बतौर अवॉर्ड और यादगार बनाने के लिए भरतपुर को दिया था. यह टैंक भरतपुर के गोवर्धन गेट सर्किल की शान बढ़ा रहा है. देश-विदेश से आने वाले सैलानी इस टैंक को देखकर भारत के जवानों की शहादत और वीरता को सलाम करते हैं.
1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए इस युद्ध में भारत ने अपने वीर जवानों के रणकौशल के बलबूते विजय श्री प्राप्त की थी और पाकिस्तान के लगभग 90 हजार सैनिकों को भारत के सामने आत्मसमर्पण कराया था.