’1983 का वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम को ईनाम देने के लिए BCCI के पास नहीं थे पैसे’
करनाल. हरियाणा बीसीसीआई के सचिव और बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर शनिवार को यमुनानगर पहुंचे. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि खिलाड़ियों की बोली लगने को सही ठहराया. वहीं, असहिष्णुता के मुद्दे पर कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया.
अनुराग ने रहस्योद्घाटन करते हुए बताया कि 1983 में विश्व कप जीतने के बाद बीसीसीआई के पास भारत की विजेता टीम को ईनाम देने के लिए भी पैसे नहीं थे, लेकिन पिछले कई सालों से अब इसमें बदलाव हुआ है. अब केवल विश्व कप जीतने पर ही नहीं बल्कि पर मैच खेलने पर भी खिलाड़ी को लाखों रुपए मिलते है.
उन्होंने क्रिकेट में खिलाड़ियों के गलत उम्र बताए जाने पर राहुल द्रविड के बयान का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि जो कोच और अभिभावक बच्चों को कम उम्र बताने पर मजबूर करते हैं वह किसी गुनाह से कम नहीं है. जो बच्चे कम उम्र में ऐसा करते हैं तो इसका उनके पूरे जीवन पर असर पड़ता है. इसीलिए बीसीसीआई ने अब खिलाड़ियों का मेडिकल चेकअप कराना शुरू किया है, जिसे कोर्ट ने भी सही माना है.
यमुनानगर पहुंचे बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर ने 20-20 मैचों में खिलाड़ियों की बोली लगाए जाने को सही करार देते हुए कहा कि इसके बाद भी खिलाड़ी की अपने देश व टीम के प्रति समर्पण रहता है. अब खेलों के माध्यम से खिलाड़ियों को अच्छा पैसा मिलना शुरू हुआ है.
उनके अनुसार खिलाड़ी के खेलने की उम्र बहुत कम होती है. ऐसे में उसे पैसे मिलने से अब लोगों तथा अभिभावकों का रुझान खेलों की तरफ बढ़ा है. युवाओं को नशे से बचाने के लिए अनुराग ठाकुर ने जागरूकता फैलाने को जरूरी बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए मां-बाप, अध्यापक और हर वर्ग को अपने-अपने स्तर पर जागरूकता फैलानी चाहिए. उनके अनुसार, यदि लाइसेंस देकर उसे दवा के लिए रूप में प्रयोग करने के लिए किसी राज्य में चरस या अफीम की खेती की जाती है तो उसमें कोई दुरुपयोग नहीं है, लेकिन यदि कोई उसका दुरूपयोग करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
असहिष्णुता व अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष ने संसद न चलने देने के सवाल पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस मामले में विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी है. विपक्ष किसी भी सवाल का उत्तर सुनने को तैयार नहीं था. इसलिए वह असहिष्णुता है. उनके अनुसार छह हजार लोगों में से महज 36 लोग एक एजेंडे के तहत अपने अवार्ड वापस करते है तो यह दुर्भाग्य पूर्ण है.
उनकी मानें तो अनुसार, अवार्ड वापस करने वाले लोग इसे पाने के भी हकदार थे या नहीं इस पर भी प्रश्न चिन्ह है. उनके अनुसार यहां पर हर धर्म के लोग रहते हैं और वह असहिष्णु नहीं हो सकते. यह तोड़ मरोडकर बनाई गई असहिष्णुता है. इसे फैलाने का प्रयास करने वालों को आज मुंह की खानी पड़ी है.