नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 2 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटा दी है। लगातार बढ़ती पेट्रोल की कीमतों को लेकर बढ़ रहे दबाव के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि इससे सरकार को 26 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना होगा। लेकिन 2 रुयये एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद भी सरकार प्रति लीटर पेट्रोल आप से 34।37 रुपये की कमाई कर रही है। वहीं, डीजल के मामले में सरकार की जेब में 23।91 रुपये जा रहे हैं।
इतने में तैयार होता है एक लीटर पेट्रोल :
पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के सितंबर के आंकड़ो के मुताबिक एक लीटर पेट्रोल तैयार करने में तेल कंपनियों को 30.42 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। 3.24 रुपये का डीलर कमीशन जोड़कर यह कीमत 33.66 रुपये के करीब पहुंच जाती है। इसके बाद उस पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से टैक्स लगाया जाता है, जो इसकी कीमत दिल्ली में 70 रुपये तक और मुंबई में 80 पर पहुंचा देता है।
डीजल की ये है टैक्स से पहले कीमत :
डीजल की बात करें तो कंपनी को एक लीटर पेट्रोल को तैयार करने में 29.98 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। प्रति लीटर पेट्रोल पर 3 रुपये के करीब डीलर कमीशन होता है। इसके बाद इस पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारें टैक्स लगाती हैं। जिसकी वजह से दिल्ली में एक लीटर डीजल की कीमत 59 रुपये के करीब पहुंच जाती है।
ऐसे समझें सरकार की कमाई का गणित :
दिल्ली में बिकने वाले एक लीटर पेट्रोल पर 3 अक्टूबर तक केंद्र सरकार 21.48 रुपये की एक्साइज ड्यूटी लगाती थी। वहीं, दिल्ली सरकार 14.89 रुपये का वैट वसूलती है। कंपनी का खर्च और डीलर कमीशन को टैक्स के साथ जोड़ने के बाद यहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत 70 रुपये पहुंच जाती है। अब जब सरकार ने 2 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटा दी है, तो प्रति लीटर पेट्रोल से सरकार की कमाई घटकर 34.37 रुपये रह गई है।
वैट और एक्साइज ड्यूटी बढ़ाती है कीमतें “:
दिल्ली में एक लीटर डीजल की बात करें, तो इस पर केंद्र सरकार 17.33 रुपये की एक्साइज ड्यूटी वसूलती थी। इसके बाद राज्य सरकार 8.58 वैट वसूलती है। इस तरह कंपनी का खर्च और डीलर कमीशन जोड़ने के बाद 1 लीटर डीजल की कीमत 58 रुपये के करीब पहुंच जाती है। पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा होने से दिल्ली में डीजल की कीमत 60 रुपये पर पहुंच गई थी। इस तरह आपकी जेब पर 23.91 रुपये का बोझ सरकार ही डाल रही है।
एक पक्ष ये भी :
पेट्रोल-डीजल सरकार की आय का सबसे बड़ा जरिया है। 2 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे देश का वित्तीय घाटा बढ़ सकता है। वित्त वर्ष 2016-17 में सरकार को पेट्रोल-डीजल से 2.67 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था।