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2 साल पहले ISIS लिंक को लेकर गिरफ्तार हुई थी ये लड़की, फिर अलर्ट जारी

महाराष्ट्र पुलिस की पुणे ATS टीम ने चेतावनी जारी की है कि पुणे की रहने वाली एक लड़की फिर से आतंकवादी संगठन ISIS से जुड़ गई है और आतंकवादी घटना को अंजाम देने की योजना बना रही है. पुलिस के मुताबिक, संदिग्ध युवती इस समय जम्मू एवं कश्मीर में है और कुछ खतरनाक करने की तैयारी में है.

2 साल पहले ISIS लिंक को लेकर गिरफ्तार हुई थी लड़की, फिर अलर्ट जारीपुणे की इस संदिग्ध युवती को 17 दिसंबर 2015 को ISIS के साथ संपर्क में रहने के चलते गिरफ्तार कर लिया गया था. उस समय संदिग्ध लड़की की उम्र 16 साल थी. उस समय पुलिस की कोशिशों और सक्रियता के बल पर उसे ISIS से जुड़ने से रोक लिया गया था.

पुणे एटीएस के अधिकारियों ने आज तक को बताया कि कश्मीर में आतंकी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रही एक महिला के पुणे की वही लड़की होने का संदेह है. इस संबंध में चेतावनी जारी कर दी गई है और गणतंत्र दिवस के मद्देनजर सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है.

पुणे के येरवदा इलाके में संदिग्ध लड़की का परिवार रहता है. हालांकि उसकी मां से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी बेटी पढ़ने के लिए बाहर गई हुई है. उसकी मां ने साथ ही यह भी कहा कि उनकी बेटी किसी दहशतगर्द संगठन के संपंर्क में नहीं है. लेकिन उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि इस समय वह कहां है.

तीन साल पहले पुणे की इस संदिग्ध लड़की को सोशल मीडिया के जरिए विदेश में संदिग्ध आतंकवादियों के संपर्क में होने के चलते गिरफ्तार किया गया था. ऐसी आशंका जताई गई थी कि वह आईएसआईएस से जुड़ने के लिए देश छोड़ने की तैयारी में थी.

लड़की के साथ लगातार संपर्क में रहने वाले सिराजुद्दीन नाम के एक और संदिग्ध व्यक्ति को जयपुर से गिरफ्तार किया गया था. सिराजुद्दीन भारत में आईएसआईएस का रिक्रूटर था और युवाओं को बहकाकर आईएसआईएस से जुड़ने के लिए बरगलाता था.

संदिग्ध लड़की पुणे के बंडगार्डन इलाके के नामचीन स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रही थी. अचानक उसके रहन सहन में बदलाव आया. मॉडर्न कपड़ों में रहने वाली लड़की अचानक पारंपरिक कपड़े पहनने लगी जिससे परिवार के लोगों को शक हुआ और इसकी जानकारी उन्होंने पुलिस को दी.

ATS द्वारा की गई तफ्तीश में वह लड़की ISIS से जुड़ने के लिए सीरिया जाने की तैयारी में थी. उसके संपर्क में रहने वाले संदिग्ध आतंकवादियों ने उसे सीरिया में मेडिकल की शिक्षा देने का झांसा भी दिया था. परिवार ने एक मौलवी की सहायता से उसका मन परिवर्तित किया और लड़की ने भी वादा किया था कि वह आगे से आतंकवादियों के संपर्क में नहीं रहेगी.

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