2 शुभ योग के साथ मनेगी नाग पंचमी, जान लें पूजा का सही मुहूर्त और महत्व
नई दिल्ली : हर साल नाग पंचमी का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन नाग देवता की पूजा करते हैं. वासुकी नाग भगवान शिव के गले का हार हैं, जबकि शेषनाग की शैय्या पर भगवान विष्णु शयन करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शेषनाग पर ही पृथ्वी का भार है, जबकि सागर मंथन के समय वासुकी ही वो मजबूत रस्सी बने थे, जिसकी वजह से सागर मंथन हुआ, उससे अमृत समेत कई बहुमूल्य वस्तुएं निकलीं और श्रीहीन देवताओं को दोबारा माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिला. ये बातें इसका प्रमाण हैं कि नाग विष से भरे होने के बाद भी लोक कल्याण में पीछे नहीं रहे. नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करते हैं.
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, नाग पंचमी के लिए सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 21 अगस्त दिन सोमवार को 12:21 ए एम पर शुरू होगी और यह तिथि 22 अगस्त मंगलवार को 02:00 ए एम पर समाप्त होगी. सूर्योदय की तिथि के आधार पर इस साल नाग पंचमी 21 अगस्त सोमवार को मनाई जाएगी.
21 अगस्त को नाग पंचमी की पूजा के लिए 2 घंटे 36 मिनट का शुभ मुहूर्त है. उस दिन आप नाग पंचमी की पूजा सुबह 05 बजकर 53 मिनट से कर सकते हैं. नाग पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 30 मिनट तक ही है.
इस साल की नाग पंचमी के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. 21 अगस्त को प्रात:काल से लेकर रात 10 बजकर 21 मिनट तक शुभ योग है. उसके बाद से शुक्ल योग प्रारंभ होगा, जो पूरी रात तक है. इस दिन का अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक है.
सांपों से स्वयं और परिवार की सुरक्षा के लिए नाग पंचमी पर नागों की पूजा की जाती है. इसके अलावा यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष का योग बन रहा है तो नाग पंचमी पर पूजन कराने से लाभ मिलता है. उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी पर खुलता है. इस दिन यहां पूजा और दर्शन करने से कालसर्प दोष शांत हो जाता है. नाग पंचमी के दिन इस मंदिर पर भारी भीड़ होती है.