मध्य प्रदेशराज्य

2 साल की मेहनत ने खत्म कर दी गरीबी, रातोंरात लखपति बनी महिला मजदूर, खदान से मिला बेशकीमती हीरा

नई दिल्ली: कहते हैं मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की धरती ने एक बार फिर इस कहावत को सच साबित कर दिया है। दो साल तक कड़ी धूप, धूल और कठिन हालातों में पसीना बहाने के बाद सावित्री सिसोदिया नाम की महिला मजदूर की किस्मत उस वक्त चमक उठी जब उसे 2.69 कैरेट का बेशकीमती हीरा मिला।

यह हीरा न सिर्फ एक पत्थर है, बल्कि सावित्री की वर्षों की तपस्या, संघर्ष और उम्मीदों का फल भी है।

साधारण महिला, असाधारण हौसला
सावित्री सिसोदिया चोपड़ा क्षेत्र की एक निजी हीरा खदान में बीते दो सालों से काम कर रही थीं। रोज़ सुबह उठकर खदान की राह पकड़ना, तपती धूप में पत्थरों की खुदाई करना, और फिर भी खाली हाथ लौटना — यह उसका रोज़ का रूटीन बन गया था। लेकिन उसने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी।

“मैंने कभी हार नहीं मानी। जब लोग कहते थे कि हीरे किस्मत वालों को मिलते हैं, तो मैं मन ही मन सोचती थी — शायद एक दिन मेरी किस्मत भी साथ दे। और आज वही दिन है,” सावित्री भावुक स्वर में बताती हैं।

हीरे की पहचान और मूल्य
हीरा विशेषज्ञ अनुपम सिंह के मुताबिक, सावित्री को मिला 2.69 कैरेट का हीरा उच्च गुणवत्ता का है और इसकी कीमत लाखों रुपये हो सकती है। यह हीरा अब औपचारिक प्रक्रिया के तहत जिला हीरा कार्यालय में जमा कर दिया गया है और इसे आगामी हीरा नीलामी में रखा जाएगा।

सरकारी नियमों के अनुसार, नीलामी से मिलने वाली कुल राशि में से रॉयल्टी, टैक्स आदि की कटौती के बाद शेष रकम सावित्री को दी जाएगी। अनुमान है कि यह रकम सावित्री जैसे श्रमिक के लिए जीवन बदलने वाली साबित हो सकती है।

हीरे से जुड़ी उम्मीदें और जिंदगी की नई शुरुआत
सावित्री अब इस धनराशि से अपने बच्चों की पढ़ाई, बेहतर मकान और छोटी सी दुकान खोलने का सपना देख रही हैं। “अब मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चे मेरी तरह खदानों में न जाएं। उन्हें पढ़ाना है, आगे बढ़ाना है,” वो मुस्कुराते हुए कहती हैं।

पन्ना: जहां धरती देती है खजाना
पन्ना भारत के सबसे समृद्ध हीरा उत्पादक क्षेत्रों में गिना जाता है। यहां सरकारी और निजी दोनों तरह की खदानें हैं, जहां सैकड़ों की संख्या में मजदूर रोज़ाना अपनी किस्मत आजमाते हैं। कुछ खाली हाथ लौटते हैं, तो कुछ को जीवन बदल देने वाला हीरा मिल जाता है।

पिछले वर्षों में भी पन्ना की धरती कई बार सुर्खियों में रही है — जब एक सामान्य किसान, एक मजदूर या एक महिला को लाखों का हीरा मिला और उनकी जिंदगी ने नई दिशा पकड़ी। अब सावित्री का नाम भी उसी सुनहरी सूची में जुड़ गया है।

सरकारी योजनाओं की भूमिका
गौरतलब है कि पन्ना में खदानों का संचालन मध्य प्रदेश शासन के खनिज विभाग के अधीन होता है। छोटे श्रमिकों को खदानें पट्टे पर दी जाती हैं, जहां वे अपनी मेहनत और भाग्य से हीरे खोज सकते हैं। इस व्यवस्था ने कई गरीब परिवारों को जीवन बदलने का मौका दिया है।

एक पत्थर, कई सपने
सावित्री का यह हीरा सिर्फ चमकदार पत्थर नहीं है, यह उम्मीद, आत्मबल और बदलाव का प्रतीक है। यह उन लाखों महिलाओं को प्रेरणा देता है जो संघर्ष कर रही हैं — यह संदेश देता है कि मुश्किलें चाहे जितनी भी हों, अगर इरादे मजबूत हों तो किस्मत भी झुक सकती है।

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