अद्धयात्मजीवनशैली

20 जून को गंगा दशहरा, गायत्री जयंती व 21 को निर्जला एकादशी पर अद्भुत संयोग

21 जून को पूरी तरह कर्क रेखा पर आ जाएंगे सूर्य, साल का सबसे बड़ा दिन और रात रहेगी सबसे छोटी

ज्योतिष : 20 जून को गंगा दशहरा और 21 जून को निर्जला एकादशी पड़ेगी। शास्त्रों के अनुसार इन दो दिन में व्रत और दान का पुण्य फल प्राप्त होता है। 21 जून को ही सूर्य पूरी तरह कर्क रेखा पर आ जाएगा, जिससे यह साल का सबसे बड़ा दिन रहेगा और रात सबसे छोटी रहेगी। इस दिन कुछ जगहों पर दोपहर में थोड़ी देर के लिए परछाई भी गायब हो जाएगी। इसके अगले दिन यानी 22 जून को सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेगा जिससे बारिश का मौसम शुरू हो जाएगा। ज्येष्ठ माह के शुक्लपक्ष के दसवें दिन पृथ्वी पर गंगा प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस पर्व पर ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति बनेगी। सूर्य और चंद्रमा मंगल की नक्षत्र में रहेंगे। चंद्रमा पर मंगल और गुरु की दृष्टि पड़ने से महलक्ष्मी और गजकेसरी राजयोग का फल भी मिलेगा। इसलिए ये पर्व खास रहेगा।

इस दिन गायत्री जयंती भी रहेगी। 21 जून को निर्जला एकादशी व्रत किया जाएगा। इस दिन बिना कुछ खाए और बिना पानी पिए व्रत किया जाता है। इस दिन मंदिरों में भगवान विष्णु की मूर्ति को चांदी या सोने की नाव में बैठाकर उन्हें नौका विहार भी करवाया जाता है। इस दिन जल से भरे मटके, पंखा, आम, खरबूजा, तरबूज या किसी भी मौसमी फल का दान करना श्रेष्ठ माना जाता है। 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर लम्बवत रहेंगे, जिससे धरती के उत्तरी गोलार्द्ध में दिन सबसे बड़ा और रात सबसे छोटी होगी।

इस दिन कर्क रेखा के नजदीक मौजूद शहरों में दोपहर तकरीबन 12 से साढ़े 12 के आसपास जब सूर्य आसमान के बीच में होगा तब थोड़ी देर के लिए परछाई गायब हो जाएगी। गंगा दशहरे के बाद सूर्य नक्षत्र बदलकर आर्द्रा में प्रवेश कर जाएगा। जिससे बारीश का मौसम शुरू हो जाएगा। इस नक्षत्र में सूर्य तकरीबन 15 दिनों तक रहता है। सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में होने से देश में कई जगहों पर मानसून आ चुका होगा।

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