20 करोड़ में बिका ‘भगवान का पत्र’, इसमें बताया था इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का लिखा और ‘भगवान का पत्र’ नाम से मशहूर चिट्ठी 20 करोड़ 38 लाख रुपये में बिकी है. जर्मनी के वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का ईश्वर और धर्म को लेकर उनके विचारों पर आधारित यह प्रसिद्ध पत्र अमेरिका में नीलाम की गई.
भाषा के मुताबिक, यह पत्र आइंस्टीन ने अपनी मृत्यु से एक वर्ष पहले लिखा था. नीलामीघर क्रिस्टीज ने एक बयान में बताया कि नीलामी से पहले इस पत्र की कीमत सिर्फ 10 करोड़ 58 लाख रुपये आंकी गई थी.
दो पन्नों का यह पत्र 3 जनवरी 1954 को जर्मनी के दार्शनिक एरिक गटकाइंड को लिखा गया था, जिन्होंने आइंस्टीन को अपनी किताब ‘चूज लाइफ: द बिबलिकल कॉल टू रिवोल्ट’ की एक प्रति भेजी थी.
आइंस्टीन ने अपने पत्र में लिखा था- ‘मेरे लिये भगवान शब्द का अर्थ कुछ नहीं बल्कि अभिव्यक्ति और इंसान की कमजोरी का प्रतीक है. बाइबिल एक पूजनीय किताब है, लेकिन अभी भी प्राचीन किंवदंतियों का संग्रह है.’ उन्होंने लिखा, कोई व्याख्या नहीं है, न ही कोई रहस्य अहमियत रखता है, जो मेरे इस रुख में कुछ बदलाव ला सके.
आइंस्टीन ने 17वीं शताब्दी के यहूदी डच दार्शनिक बारुच स्पिनोजा का जिक्र किया है. स्पिनोजा इंसान के दैनिक जीवन में मानवरूपी देवता में विश्वास नहीं रखते थे. हालांकि, वो मानते थे कि भगवान एक ब्रह्मांड की उत्कृष्ट सुंदरता और व्यवस्था के लिए जिम्मेदार है.