20 राज्यों में आई बाढ़-सूखे से हुआ अरबों का नुकसान, आम आदमी से दूर हुई सब्जियां
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पहाड़ों पर हुई बारिश ने टमाटर को सलाद की थाली से गायब करने के साथ रसोई का भी बजट बिगाड़ दिया है। आसमान छू रहे भाव से टमाटर आम आदमी की पहुंच से भी दूर है। टमाटर दाल से भी महंगा हो चला है। पिछले 15 दिनों से टमाटर के दाम लगातार उतार-चढ़ाव में है। वहीं, नींबू और हरी मिर्च भी तीखी हो गई है।
वेज और नॉनवेज दोनों प्रकार की सब्जी में टमाटर स्वाद बढ़ाने के साथ सलाद की साज-सज्जा का राजा है। दाल मखनी से लेकर आलू-सोयाबीन में टमाटर का तड़का जायका बढ़ाता है। पिछले 15 दिनों से टमाटर के दाम बेकाबू हैं। पहाड़ों पर बारिश ने महंगाई की आग में घी डाल दिया है।
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आढ़त से लेकर रेहड़ा-ठेला पर टमाटर के दाम कम नहीं हैं। शनिवार को टमाटर के दाम 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। वहीं, सोमवार को दाम में गिरावट के बाद भी 80-90 रुपये किलो तक टमाटर बिक रहा है। टमाटर के दाम दालों से भी ऊपर हैं। मसूर, अरहर, चना, मूंग आदि दालों से भी टमाटर महंगा हो गया है।
सब्जी मूल्य दाल मूल्य
टमाटर 80-90 मसूर 66
लौकी 40-45 साबूत मंसूर 42
तौरई 30-40 उड़द सफेद 82
अरबी 40 उड़द काली 75
नींबू 60 मूंग धुली 64
हरी मिर्च 60 मूंग छिलका 60
बैंगन 25 अरहर 64
करेला 25 चना दाल 70
खीरा 40 मटर दाल 70
(नोट: वस्तुओं के दाम प्रतिकिलो रुपये में हैं)
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यदि टमाटर की महंगाई ने स्वाद का जायजा बिगाडृकर रख दिया तो चिंता की जरूरत नही है। बाजार में भिंडी, करेला, बंदगोभी जैसे कुछ ऐसी सब्जियां हैं जो थोड़ा सस्ती बिक रही है। आंकड़ों पर नजर डाले तो फुटकर बाजार में भिंडी 30 रुपये, बंदगोभी 20 रुपये, और करेला 30 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है।
प्याज के दामों में हुई 100 फीसदी बढ़ोतरी
अगस्त के महीने में प्याज भी इसका साथ देने के लिए तैयार हो गया है। पूरे देश में पिछले एक हफ्ते में प्याज के दाम 100 फीसदी तक उछल गए हैं। प्याज महंगा होने से किसानों के चेहरे पर जहां खुशी है, वहीं आम आदमी की जेब पर दोहरी मार पड़ रही है।
देश भर की प्रमुख मंडियों में प्याज के दाम तेजी से बढ़ गए हैं। मंडियों में प्याज की आवक बहुत कम हो गई है। इसके अलावा अन्य सब्जियों के दामों में भी इजाफा हो गया है।
ये है प्याज के महंगा होने का प्रमुख कारण
प्याज के दाम दिल्ली की सबसे बड़ी थोक मंडी आजादपुर में 18 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। सबसे बढ़िया क्वालिटी का प्याज डिमांड होने के बावजूद मिल नहीं रहा है। होलसेल व्यापारियों के मुताबिक एमपी, गुजरात और राजस्थान में बारिश, बाढ़ के चलते प्याज सड़ गया है। वहीं कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश में किसानों ने प्याज की पैदावार कम की।
कम बारिश के चलते वहां भी उतनी पैदावार नहीं हुई थी, जिसकी आशा की जा रही थी। देश मे इस साल 215.6 लाख टन प्याज की पैदावार का अनुमान है जबकि बीते साल ये 209.3 लाख टन प्याज की पैदावार हुई थी। यानी बीते साल से ज़्यादा प्याज पैदा होने के बावजूद दाम बढ़ रहे हैं।