नई दिल्ली: दिल्ली और आसपास के इलाकों में लगातार बढ़ते प्रदूषण पर कड़ा रुख बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि 2000सीसी और उससे ज्यादा क्षमता वाली डीज़ल कारों और एसयूवी के रजिस्ट्रेशन पर रोक जारी रहेगी। इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली से होकर गुज़रने वाले कमर्शियल ट्रकों को भी दूसरे राजमार्गों पर डाइवर्ट करने के आदेश दिए हैं।
डीजल कार वालों को प्रदूषण की कीमत चुकानी होगी : चीफ जस्टिस
वैसे, छोटी डीज़ल कारों पर भी सख्त रुख दिखाते हुए चीफ जस्टिस ने कहा, जो लोग डीज़ल कारें खरीद रहे हैं, उन्हें मालूम होना चाहिए कि उनकी गाड़ियां प्रदूषण फैला रही हैं… और अगर डीज़ल से ज्यादा प्रदूषण होता है तो ऐसी कारें खरीदने वालों को प्रदूषण फैलाने के लिए कीमत चुकानी होगी।
महिंद्रा, टोयोटा, मर्सिडीज़ की याचिका पर बाद में होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने एसयूवी निर्माता कंपनियों महिंद्रा, टोयोटा और मर्सिडीज़ की याचिका पर बाद में सुनवाई करने की बात कहते हुए तीनों कंपनियों से रिपोर्ट दाखिल करने को कहा, जिससे वे साबित कर सकें कि उनकी गाड़ियां प्रदूषण नहीं फैला रही हैं।
सरकार कैसे प्रदूषण फैला सकती है : SC का सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से भी कहा है कि वह पांच से 10 साल पुराने डीज़ल वाहनों को क्यों नहीं बदल देती। कोर्ट ने सवाल करते हुए टिप्पणी की, “सरकार कैसे प्रदूषण फैला सकती है…” इसके बाद सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि वह इस मामले में सरकार से बात करने के बाद कोर्ट को जवाब देंगे।
ट्रकों को डाइवर्ट करने को लेकर दिया अहम आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने बाहर से दिल्ली में आने वाले कमर्शियल ट्रकों को रोकने का आदेश देते हुए कहा कि रोहतक की ओर से आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 10 पर टीकरी बार्डर से डाइवर्ट होंगे। कोर्ट के मुताबिक, जो ट्रक मथुरा की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर आएंगे, उन्हें पलवल से डाइवर्ट किया जाएगा। गाजियाबाद की तरफ से शाहदरा की ओर आने वाले ट्रकों को राष्ट्रीय राजमार्ग 58 और राज्य राजमार्ग 57 से आने वाले ट्रकों को मोहन नगर से डाइवर्ट कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके पालन के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारें मदद करेंगी। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग 1, यानी पंजाब से और राष्ट्रीय राजमार्ग 8, यानी जयपुर से आने वाले ट्रकों को दिल्ली में न घुसने के आदेश दिए थे।