नई दिल्ली : रहस्यमयी सुरंग: पुरातत्त्वविद् सर्जियो गोमेज़ ‘पिरामिड ऑफ़ तियोथिहुआकेन’ के संरक्षण में लगे हुए थे, तेज़ बारिश हो रही थी। तभी अचानक बारिश का पानी ज़मीन के अंदर जाने लगा। देखते-देखते एक बड़ा सा छेद हो गया। इसके बाद अगले दिन गोमेज़ रस्सी की मदद से इस छेद के अंदर गए। लगभग 14 मीटर तक नीचे जाने के बाद उन्हें एक सुरंग दिखाई दी। सर्जियो गोमेज़ अपनी इस खोज के बारे में बताते हैं, सुंरग देखते ही मुझे लगा कि ये कोई महत्वपूर्ण चीज़ है। लेकिन उस समय तक मुझे इसकी अहमियत का अंदाज़ा नहीं था। लेकिन कुछ समय बाद हमें समझ आया, कि ये सुरंग 2000 साल पहले तियोथिहुआकेन शहर ने बनाई थी।
तियोथिहुआकेन सभ्यता के लोगों द्वारा बनाई इस सुरंग की खोज और उद्देश्य को समझने में लंबा समय लगा है। आदमी बनते थे भगवान: यहां हम उस सभ्यता की बात कर रहे हैं, जो ईसा के जन्म से 450 साल पहले भी थी| ईसा के जन्म के 550 साल बाद अपने चरम पर थी। इस ऐतिहासिक शहर में लगभग दो लाख लोग रहा करते थे। तियोथिहुआकेन शब्द का मतलब होता है, जहां आदमी भगवान बनता है। वहीं इस बारे में समझाते हुए विशेषज्ञ कहते हैं, क्लासिकल पीरियड के दौरान हिस्पैनिक काल से पहले अमरीकी महाद्वीप में ये सबसे ज़्यादा आबादी वाला शहर था। ये एक ऐसा शहर हुआ करता था, जहां पर अलग-अलग विचारों और पृष्ठभूमियों के लोग आया करते थे| ताकि इस शहर में मौजूद अवसरों का लाभ उठा सकें। शुरुआत में ये लोग खेती करने तक सीमित थे, लेकिन इसके बाद यहां रहने वालों ने अपना ध्यान सामानों के उत्पादन और आदान-प्रदान करने पर लगाया। अध्ययनों के मुताबिक़, मीज़ो अमरीका के दौर में इस शहर के संबंध तक़रीबन हर समकालीन संस्कृति से रहे हैं। पृथ्वी के भीतर का रास्ता: इस सुरंग की खोज ने इस शहर के इतिहास को समझने में काफ़ी मदद की है। इस शहर को शायद तियोथिहुआकेन के लोगों ने ही तबाह करके छोड़ दिया था। फिर कई शताब्दियों बाद एज़टेक लोगों ने इस शहर में रहना शुरू किया। इस सुरंग की तलाश करने के लिए चलाए गए अभियान को त्लालोकन कहा गया| जिसका मतलब धरती के अंदर एक रास्ता है। सर्जियो गोमेज़ बताते हैं| ये सुरंग इसलिए ख़ास है, क्योंकि इसकी तलाश करने में उस तकनीक का इस्तेमाल किया गया जिसे किसी अन्य परियोजना में इस्तेमाल नहीं किया गया। इन तकनीकों में लेज़र स्कैनर और दो रोबोट्स शामिल हैं। ये पहला मौका था, जब मैक्सिको में किसी पुरातात्विक खोज में रोबोट्स का इस्तेमाल किया गया हो। इसके पहले सिर्फ़ मिस्र में इस तकनीक का प्रयोग किया गया है। कैसी है ये सुरंग: ये सुरंग बीते लगभग 1700 सालों से बंद था| साल 2009 में इसकी तलाश शुरू की गई। रोबोट्स की मदद से ये पता चला, कि पाइपनुमा संरचना के दूसरे मुहाने पर एक खुली जगह थी और तियोथिहुआकेन वालों की बनाई इस सुरंग में तीन कमरे हैं। सुरंग के मुख्य द्वार से अंत तक इसकी लंबाई 103 मीटर है जो कि 14 मीटर की गहराई से शुरू होकर 18 मीटर की गहराई तक जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक़, तियोथिहुआकेन में रहने वाले लोगों ने इस सुरंग का इस्तेमाल किया था| लेकिन फिर इसे बंद कर दिया गया। हालांकि, ऐसा किए जाने के पीछे का कारण अब तक सामने नहीं आया है। लेकिन ये पता चला है, कि ये लोग इस सुरंग में कुछ बार वापस घुसे, लेकिन बाद में इसे फिर से बंद कर दिया गया। गोमेज़ कहती हैं, हमने इस सुरंग की तलाश में बड़ी सावधानी से 8 साल लगाए हैं| हज़ारों टन मिट्टी और पत्थरों को ब्रश और सुइयों की मदद से हटाया गया। सुरंग में एक लाख से ज़्यादा चीजें प्राप्त की गई हैं: गोमेज़ इन चीज़ों की अहमियत समझाते हुए कहते हैं| अहम बात ये नहीं है, कि कितनी चीज़ें मिली हैं, बल्कि ये कहें कि ये चीज़ें हमें इस सभ्यता के लोगों के दुनिया को देखने के नज़रिए और प्राचीन मीज़ो अमरीकी लोगों के धर्म के बारे में बताती हैं। पुरातत्वविद् कहते हैं, कि सुरंग में मिले सामानों को समझना अभी शुरुआती दौर में है| लेकिन हमें काफ़ी अहम चीज़ें मिली हैं। वह बताते हैं, इस बात के सुबूत मिले हैं, कि तियोथिहुआकेन में रहने वाले लोगों के मायन सभ्यता से गहरे संबंध थे। हमें यहां हरे रंग का पत्थर जेड, शेल्स और स्नेल यानी शंख जैसी कृतियां मिली हैं| जो कि ग्वातेमाला से आती हैं। इसके साथ ही गोमेज़ को सुरंग में उन्हें अमरीका के दक्षिण पश्चिमी क्षेत्र में पाए जाने वाले कछुए मिले हैं। इसके साथ ही ओआक्साका और प्युबला में पाई जाने वाली चीज़ें मिली हैं। गोमेज़ कहते हैं, कि इस शहर में रहने वाले उच्च वर्ग के लोगों के व्यापारिक और राजनीतिक रिश्ते दूसरे क्षेत्रों के लोगों से हुआ करते थे। इस जगह पर रबर की चीज़ें पाई गई हैं| जिनमें ख़ास ढंग से संरक्षित की गई 14 गेंदें भी शामिल हैं। यही नहीं इनमें से कुछ टुकड़ों का वल्कनीकरण किया गया था| जिसके बारे में ये लोग जानते थे। रबर के ये टुकड़े मेक्सिको के केंद्रीय क्षेत्र से नहीं बल्कि वेराक्रूज़, चियापास और ताबास्को जैसे जगहों से लाए गए थे। गोमेज़ उम्मीद कर रहे हैं कि सुरंग की तलाश करते हुए उन्हें कई अन्य महत्वपूर्ण चीज़ें मिलेंगी। वह बताते हैं, शुरुआत में मेरा सोचना ये था, कि हमें इस सुरंग में किसी बेहद अहम व्यक्ति की क़ब्र मिलेगी क्योंकि ये जगह अपने आप में काफ़ी ख़ास है। गुफा के अंत में पहुंचने पर गोमेज़ की टीम को कोई कब्र नहीं मिली है| लेकिन उनकी टीम ये मानने को तैयार नहीं है, कि वहां कोई क़ब्र नहीं थी| मानते हैं, कि इस सुरंग की शुरुआती तलाश के दौरान कब्र को हटा दिया गया हो। विशेषज्ञ मानते हैं, कि सुरंग में मौजूद ज़्यादातर सामान को इस्तेमाल नहीं किया गया है| लेकिन इन्हें उपहार के रूप में देने के लिए तैयार किया गया था। इस सुरंग में चार मूर्तियां मिली हैं, जिनमें से तीन महिलाओं और एक पुरुष की हैं। महिलाओं की मूर्तियां पुरुष के मुक़ाबले लंबाई में बड़ी हैं और कपड़े पहने हुए हैं। वहीं, पुरुष की मूर्ति नग्न अवस्था में है। जादुई काम के लिए होता था सुरंग का इस्तेमाल:
गोमेज़ बताते हैं, कि इस सभ्यता में महिलाओं ने ताकत और धार्मिक मामलों में अहम किरदार निभाया था। पहली मूर्ति महिला देवी की है, जोकि महिलाओं को भूमि और उर्वरता की वजह से सम्मान देती है। पुरुष की मूर्ति जंग को प्रतिबंबित करती है। ये उत्पादन की अर्थव्यवस्था से स्वायत्तीकरण की अर्थव्यवस्था का बदलाव है। मूर्तियों की पीठ पर हरे रंग के पत्थर जेड और पायराइट थे| जिसका वे जादू के लिए इस्तेमाल करते होंगे। गोमेज़ इन मूर्तियों के बारे में बताते हैं, मुझे लगता है कि ये मूर्तियां तियोथिहोनकेन की संस्थापकों का प्रतिनिधित्व करती हैं। वो लोग जिनके पास जादुई शक्तियां थीं, और ये लोग बताते थे कि शहर कहां बसाना चाहिए। मीज़ो अमरीका के दौर के लोगों के लिए तीन लोक हुआ करते थे, जिसमें आसमान, धरती और पाताल शामिल थे। पाताल एक काला, ठंडा और नमी युक्त जगह हुआ करती थी, लेकिन ये मौत की जगह के रूप में नहीं बल्कि उत्पादन के स्थान के रूप में जानी जाती थी। यहां कई ऐसे देवता रहा करते थे, जो कि तीनों लोकों का संचालन करने के लिए उत्तरदायी थे। इसी तरह जब किसी राजा की मौत होती थी,तो उसके पार्थिव शरीर को ज़मीन के अंदर ले जाया जाता था| नए राजा को भी शक्तियों के लिए ज़मीन के अंदर जाना होता था। इसके बाद वह एक देवता के रूप में बाहर निकलता था। इसीलिए इस सुरंग में आम लोग नहीं जाया करते थे| इसका इस्तेमाल धार्मिक कामों के लिए किया जाता था। आम लोगों को कभी नहीं दिखेगी ये सुरंग: इस सुरंग के मुहाने को अब बंद कर दिया गया है, और इस सुरंग को आम लोगों के लिए कभी भी नहीं खोला जाएगा। गोमेज़ इसकी वजह समझाते हुए कहते हैं, ये एक ख़तरनाक जगह है। हमें इसे सुरक्षित रखने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाने चाहिए। ये बेहद संकरी है, और ज़्यादा लोगों के घुसने की वजह से टूट सकती है।