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2002 का गुजरात दंगा मुस्लिम विरोधी नहीं: NCERT

एनसीईआरटी की 12वीं क्लास की किताब में 2002 गुजरात दंगों को लेकर बड़ा बदलाव किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीएसई किताब में उप शीर्षक एंटी मुस्लिम दंगों की जगह इसे गुजरात दंगे करने जा रहा है। सीबीएसई और एनसीईआरटी के बड़े अधिकारियों ने 11 मई को हुई मीटिंग में ये फैसला लिया है। दरअसल, एंटी मुस्लिम दंगे से गुजरात दंगे करने का विचार 2007 में सत्तारुढ़ यूपीए ने ही ले लिया, लेकिन उसे अब कारगर साबित किया जा रहा है।
2002 का गुजरात दंगा मुस्लिम विरोधी नहीं: NCERT
इस रिव्यू मीटिंग में बड़े अधिकारियों समेत कई प्राईवेट स्कूल के टीचर भी मौजूद थे। मोदी सरकार की ओर से एनसीईआरटी की किताबों में बदलाव पर विपक्ष उनका लगातार विरोध करता आ रहा है और अब इसके बाद बवाल उठने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार एनसीईआरटी के अधिकारियों ने कहा कि सीबीएसई की ओर से उठाए गए प्वाइंट्स को अपना लिया गया है। इन बदलावों को साल के इस अंत तक किताबों पर लागू कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं एनसीईआरटी और भी किताबों को लेकर रिव्यू कर रहा है।

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बता दें कि किताब में ‘पॉलिटिक्स इन इंडिया सिन्स इंडिपेंडेन्स’ का शीर्षक दिया गया है, जिसमें गुजरात दंगों को एंटी मुस्लिम रॉयट्स का नाम दिया गया है। इसमें बताया गया कि साल 2002 के फरवरी में गुजरात में दंगे हुए, जिसमें सैंकड़ों लोगों की जान गई। इस दौरान नरेंद्र मोदी गुजरात के चीफ मिनिस्टर थे। ये भी जाहिर किया गया है कि ह्यूमन राइट्स कमीश्न ने गुजरात सरकार विरोध भी किया था। इस कांड में कथित तौर पर 800 मुस्लिम और करीब 250 हिंदुओं की जान गई थी।

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