2009 में एक आतंकी की अंडरवियर में इससे लगी थी आग
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को संदिग्ध सफेद पाउडर मिला था. जिससे राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गई. जांच में पता चला कि यह खतरनाक विस्फोटक PETN है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूरे विधानसभा भवन को उड़ाने के लिए 500 ग्राम PETN पर्याप्त है.
दरअसल PETN यह एक ऐसा विस्फोटक होता है जो खुद से ब्लास्ट नहीं हो सकता. इसे ब्लास्ट करने के लिए पहले किसी डेटोनेटर में ब्लास्ट करना होता है. PETN के ब्लास्ट से 4230 डिग्री सेल्सियस तापमान पैदा होता है.
PETN के बारे में
पेंटाएरीथ्रीटोल ट्राइनाइट्रेट (PETN) बेहद शक्तिशाली प्लास्टिक विस्फोटक है. ये व्हाइट पाउडर या शीट के रूप में होता है. कानूनी तौर पर इसका इस्तेमाल मिलिट्री और माइनिंग इंडस्ट्री में किया जाता है. RDX के साथ इसे मिलाकर SEMTEX नाम का विस्फोटक बनता है. PETN में ब्लास्ट से 4230 डिग्री सेल्सियस तापमान पैदा होता है.
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कब-कब हुआ PETN का इस्तेमाल
भारत में 7 सितंबर 2011 को दिल्ली हाईकोर्ट में हुए ब्लास्ट में PETN का इस्तेमाल किया गया था. इस ब्लास्ट में 17 लोग मारे गए थे और 76 लोग घायल हुए थे. इस विस्फोटक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जांच में पकड़ में ना आने की वजह से ये आतंकियों की पसंद है. इसकी केवल 100 ग्राम मात्रा ही एक कार में ब्लास्ट करने के लिए काफी है.
साल 2009 में अलकायदा के सदस्य उमर फारुख अब्दुलमुतल्लब ने नॉर्थवेस्ट जाने वाली एक फ्लाइट में PETN का इस्तेमाल करने की कोशिश की थी, जिसमें वो असफल रहा था. वो अपने अंडरवियर में विस्फोटक छिपाकर ले जा रहा था और पकड़ा गया था. अब्दुलमुतल्लब घाना से ऐम्सटर्डम के लिए रवाना हुआ था.
खबरों की मानें तो प्लेन में अब्दुलमुतल्लब ने खुद को कंबल से ढंक रखा था. आसपास के लोगों ने देखा कि उसके अंडरवियर में आग लगी हुई थी और जलने की गंध बहुत तेजी से फैल गई. सुरक्षाबलों के मुताबिक इसका इरादा विस्फोटक के जरिये प्लेन को हवा में ही ब्लास्ट करने का था. बाद में अब्दुलमुतल्लब बताया कि उसने एक 6 इंच की थैली में विस्फोटक PETN भरकर अंडरवियर में रख लिया था. साथ में एक सिरिंज में एसिड था जिसके संपर्क में आने से ब्लास्ट होता है. इसके साथ एक और एक्सप्लोसिव TATP भी था.
इसके अलावा साल 2010 के अक्टूबर महीने में यमन से अमेरिका जाने वाले एक कार्गो प्लेन में PETN मिला था. वहीं 2001 में शू बॉम्बर के नाम से मशहूर टेररिस्ट रिचर्ड रीड ने मियामी से जाने वाले अमेरिकन एयरलाइंस जेट पर इसका इस्तेमाल किया था. कुछ देर से प्लेन में अफरा-तफरी मच गई थी.
गौरतलब है कि देश के कुछ हवाई अड्डों पर PETN की जांच के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए पैसेंजर्स के कपड़ों को ऊपर से पोंछकर नमूना लिया जाता है. इसे पहली बार जर्मन कंपनी रीनिश्क-वेस्टफैलिश्क स्प्रेंग्स्टॉफ ने बनाया था.