2016 के टॉप 10 भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने खेल में छुड़ा दिए सबके छक्के
![](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2017/01/final1483183214_big-1.jpg)
साल 2016 भारतीय खेल जगत के लिए ऐतिहासिक साल रहा है। इस साल भारत की झोली में कई अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्डस और पदक आए। रियो ओलंपिक हो या क्रिकेट हर जगह भारतीय खिलाड़ियों ने अपना दबदबा कायम रखा। साक्षी मलिक ने जहां ओलंपिक में भारत को पहली बार महिला रेसलिंग में पदक दिलाया तो वहीं विराट कोहली ने इस साल रिकॉर्ड्स का कई इतिहास रचा।
आइए एक नजर डालते हैं इस साल के ऐसे ही टॉप 10 खिलाड़ियों पर जिसका इस साल खेल जगत में रहा जलवा
1. दीपा कर्मकार
दीपा कर्मकार भले ही रियो ओलंपिक में पदक जीतने से चूक गई, बावजूद इसके उन्होंने एक नया इतिहास रच दिया। महिला वाल्ट फाइनल्स में करीब से कांस्य पदक से चूक कर चौथे स्थान पर रहने वाली दीपा का भारतीय जिम्नास्ट का ओलंपिक इतिहास में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
तेईस वर्षीय दीपा ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट बनी। उन्होंने औसत 15.066 अंक जुटाए जिससे वह स्विट्जरलैंड की कांस्य पदक विजेता गुईलिया स्टेनग्रुबर (15.216 अंक) से महज 0.15 अंक से चूक गई।
आजादी के बाद 11 भारतीय पुरुष जिम्नास्टों ने ओलंपिक में (1952 में दो, 1956 में तीन और 1964 में तीन) भाग लिया है लेकिन भारतीय महिला ओलंपिक में यह पहली बार था।
2.विराट कोहली
भारतीय कप्तान विराट कोहली जब भी मैदान पर उतरते है तो रिकॉर्ड्स का ढेर लगाना शुरू हो जाता है। कोहली के नाम इस साल कई बड़े रिकॉर्ड्स रहें। कप्तान कोहली इस साल अब तक के भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा दोहरा शतक जमाने वाले इकलौते बल्लेबाज बनें। इसके पहले भारतीय क्रिकेटरों में सचिन, सहवाग, द्रविड, कांबली ने 2 दोहरे शतक जड़े हैं, लेकिन विराट यह कारनामा सिर्फ एक साल के भीतर ही किया है।
विराट कोहली सबसे अधिक दोहरे शतक लगाने वाले लिस्ट में चौथे बल्लेबाज बन गए हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के तीसरे दिन विराट ने शानदार शतक जमाकर एक सीरीज में 500 रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए हैं। इसके पहले यह कारनामा सुनील गावस्कर ने किया था।
सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी
कोहली 14वें भारतीय हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 4000 रन अपने नाम किया है और ऐसा करने वाले वह दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी हैं। इसके पहले युवा खिलाड़ी के रूप में सचिन ने यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था। कोहली ने 52 टेस्ट मैच खेलकर 4000 रनों का आंकड़ा पार किया है और वह इस लक्ष्य को हासिल करने वाले भारत के छठे खिलाड़ी हैं। वीरेंद्र सहवाग ने 79 पारियों में यह आंकड़ा पार किया था।
टेस्ट करियर में 15वां शतक
मुंबई में शतक जमाकर विराट ने अपने कैरियर में 15 सेंचुरी बना ली हैं जिसमें 8 शतक उन्होंने कप्तान रहते हुए बनाए हैं। कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ जारी चौथे टेस्ट मैच के तीसरे दिन इस साल टेस्ट मैच में 1000 रन बना लिए हैं। वह टेस्ट में एक साल में 1000 रन पूरे करने वाले तीसरे भारतीय कप्तान बन गए हैं।
3.साक्षी मलिक
रियो ओलंपिक में भारत को पदक दिलाकर साक्षी मलिक ने इतिहास रच दिया। वह भारत की पहली महिला हैं जिसने देश को ओलंपिक में कुश्ती का पदक दिलाया है। पहलवान साक्षी मलिक ने महिला फ्रीस्टाइल के 58 किलोग्राम वर्ग में भारत को कांस्य पदक दिलवाया। उन्होंने कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में किर्गिस्तान की ताइनिवेकोवा आइसिलु को 8-5 से हराया था।
पदक जीतने के बाद साक्षी ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा था, ‘देश में इस बात से काफी निराशा थी कि कुश्ती में भारत को एक भी पदक नहीं मिला था। पर अब काफी अच्छा लग रहा है। जबसे मैंने ओलंपिक को जाना है तभी से मैंने सोचा था कि मुझे पदक जीतना है। गीता दीदी ने क्वालिफाई कर दिया तभी लगा कि जब वह क्वालिफाई कर सकती हैं मैं भी करूंगी। फिर जब मैंने भी क्वालिफाई कर लिया तब मैंने यही सोचा कि मैं पदक जीतकर पहली भारतीय महिला बनूंगी। सालों की मेहनत पूरी हो गई। अब पूरी दुनिया मुझे अलग तरह से दिखाई देगी।’
4. पीवी सिंधु
21 वर्षीय पीवी सिंधु ओलंपिक खेलों में मेडल जीतने वाली सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी हैं। सिंधु पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने किसी भी मुकाबले में सिल्वर मेडल जीता है। इसके अलावा सिंधु पांचवीं भारतीय महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक में मेडल जीता है। तेलंगाना में जन्मी लंबे कद वाली पीवी सिंधू तब सुर्खियों में आई जब उन्होंने साल 2013 में ग्वांग्झू चीन में आयोजित वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
पीवी सिंधु के पिता पीवी रमन्ना और मां पी विजया भी वॉलीबाल खिलाड़ी रह चुके है। सिंधु को बैडमिंटन के गुर देश के एक बड़े बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुके पूर्व ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियन पुलेला गोपीचंद ने सिखाए। सिंधु वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं। इसके बाद सिंधु ने इसी कामयाबी को अगले ही साल 2014 में कोपेनहागेन में भी दोहरा दिया। उन्होंने लगातार दूसरे साल वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाली सिंधु को इस साल राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड दिया है।
5. आर अश्विन
भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर आर अश्विन के लिए साल 2016 बहुत खास रहा। अश्विन ने इस साल की शुरुआत टेस्ट क्रिकेट रैंकिंग में नंबर-1 गेंदबाज से की थी और इसका अंत भी ऐसे ही किया। आईसीसी अवॉर्ड्स में भी अश्विन छाए रहे, उन्हें आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर और टेस्ट क्रिकेटर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला। दक्षिण अफ्रीकी विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक को आईसीसी वनडे क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया।
आईसीसी टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजों और ऑलराउंडर की रैंकिंग में नंबर-1 पायदान पर मौजूद हैं। उन्होंने 2016 में खेले गए 12 टेस्ट मैचों में 612 रन बनाए, जिसमें दो सेंचुरी भी शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने कुल 72 विकेट भी झटके।
टेस्ट में रहा बेस्ट साल
अश्विन के लिए साल 2016 बहुत खास रहा। अश्विन ने 12 टेस्ट मैचों में आठ बार पांच विकेट लिए। इस साल उनका गेंदबाजी औसत 23.90 रहा। अश्विन ने कुल 72 विकेट झटके। इंग्लैंड के खिलाफ हुई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में उन्होंने 28 विकेट झटके, जबकि न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में अश्विन के खाते में 27 विकेट गए थे। वेस्टइंडीज के खिलाफ चार टेस्ट मैचों में उन्होंने 17 विकेट झटके थे। इस साल अश्विन ने दो टेस्ट सेंचुरी भी जड़ी, दोनों टेस्ट सेंचुरी उन्होंने वेस्टइंडीज में लगाईं। अश्विन ने इस साल गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन किया और इसी लिए वो मौजूदा समय में आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 गेंदबाज होने के साथ-साथ नंबर-1 ऑलराउंडर भी हैं।
द्रविड़-तेंदुलकर के बाद सर गारफील्ड सोबर्स ट्रॉफी जीतने वाले अश्विन तीसरे भारतीय
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के बाद अश्विन सर गारफील्ड सोबर्स ट्रॉफी जीतने वाले महज तीसरे भारतीय क्रिकेटर हैं। द्रविड़ 2004 और तेंदुलकर 2010 में आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीत चुके हैं। एक साल में दो अवॉर्ड जीतने वाले अश्विन महज दूसरे भारतीय हैं। 2004 में राहुल द्रविड़ ने दो आईसीसी अवॉर्ड्स जीते थे।
6. दीपा मलिक
दीपा मलिक ने पैरालिंपिक के शॉटपुट इवेंट में देश के लिए सिल्वर जीतकर इतिहास रचा है। पैरालिंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। वह न सिर्फ पैरालिंपिक में भाग लेने वाली भारत की पहली महिला एथलीट हैं बल्कि सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास में अपना नाम दर्ज किया है। इससे पहले भारत को ऊंचीकूद में मयप्पन थांगावेलू को गोल्ड मेडल और वरुण भाटी को कांस्य पदक मिल चुका है। अब तक भारत के पदक तालिका में तीन पदक हो गए हैं।
शॉटपुट में दीपा मलिक ने छठे प्रयास में 4.61 का स्कोर बनाकर दूसरे स्थान पर रही थीं, जबकि पहले स्थान पर बहरीन की फातिमा नेधाम (4.76) और तीसरे स्थान पर ग्रीस की दिमित्रा कोरोकिदा (4.28) रही थीं।
7. हरमनप्रीत कौर
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तान और स्टार ऑलराउंडर हरमनप्रीत कौर ऑस्ट्रेलियाई महिला बिग बैश टी20 लीग (डब्ल्यूबीबीएल) से जुड़ने वाली पहली इंडियन क्रिकेटर बन गई हैं। टीम सिडनी थंडर के साथ उन्होंने लीग के अगले सीजन के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। हरमनप्रीत ने बिग बैश से जुड़ने के बाद कहा, ‘मुझे तीन विदेशी टीमों की तरफ से खेलने का ऑफर मिला था। मैंने सिडनी थंडर से जुड़ने का फैसला लिया, क्योंकि वह न केवल एक शानदार टीम है बल्कि चैम्पियन भी हैं।’ बता दें कि सिडनी थंडर ने 2015-16 में डब्ल्यूबीबीएल का ओपनिंग सीजन जीता था।
8. पंकज आडवाणी
पंकज आडवाणी प्रतिष्ठित सैंगसोम 6 रेड स्नूकर वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने सेमीफाइनल में चीन के डिंग जुनहुई के खिलाफ शिकस्त के बाद ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। क्वार्टर फाइनल में आडवाणी को वॉकओवर मिला था क्योंकि माइकल होल्ट निजी कारणों से प्रतियोगिता से हट गए थे।
सेमीफाइनल में जुनहुई ने आडवाणी को 7-4 (0-37, 68-0, 73-0, 41-26, 49-15, 7-57, 0-57, 67-0, 57-0, 20-34, 69-9) से हराया।
9. विजेंदर सिंह
भारतीय खिलाड़ी विजेंदर सिंह ने बेहद कठिन माने जा रहे मुकाबले में तंजानिया के फांसिस चेका को ताबड़तोड़ पंच से चित कर दिया था। दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आयोजित इस मुकाबले में 34 साल के चेका विजेंदर के पंच के आगे कहीं टिक नहीं पाए।
विजेंदर डब्ल्यूबीओ एशिया पेसेफिक सुपर मिडिलवेट का खिताब बचाने के लिए रिंग में उतरे थे। विजेंदर ने इसी साल ऑस्ट्रेलिया के कैरी होप को मात देते हुए यह खिताब अपने नाम किया था।
10. अदिति चौहान
अदिति चौहान ने इस साल एशियन वुमैन फुटबॉलर ऑफ द ईयर का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला फुटबॉलर हैं। अदिति की यह उपलब्धि इसलिए भी खास बन जाती हैं क्योंकि भारत में महिला फुटबॉलरों के लिए एक ढंग के टूर्नामेंट का आयोजन तक नहीं होता है।