भाजपा जम्मू-कश्मीर में प्लान ए और बी दोनों पर काम कर रही है। पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के खुलकर आरोप लगाने और भाजपा को चेतावनी देने के बाद पिछले महीने तक सहयोगी रहे दोनों दलों के रिश्ते की सच्चाई सामने आने लगी है।
महबूबा के इस आरोप पर भाजपा की प्रवक्ता और केन्द्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। पीडीपी पहले भी आरोप लगाती रही है।
निर्मला ने मुफ्ती के आरोपों से बचते हुए महबूबा के पार्टी को तोड़ने के आरोप बेबुनियाद बताया। वहीं भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने भी भाजपा पर करारा हमला बोलते हुए इसे उसका बहुत खतरनाक कदम बताया है। सिन्हा का कहना है कि भाजपा ने ऐसा 2019 के चुनाव में सफलता पाने के लिए किया है।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि भाजपा दो योजना पर काम कर रही है। उसकी पहली योजना पीडीपी को तोड़कर अलग-थलग कर देने की है। वहां अब राष्ट्रपति शासन लागू है और केन्द्र सरकार तथा भाजपा इसे जारी रखना चाहती है।
भाजपा की दूसरी कोशिश यदि बन सके तो नई सरकार के एजेंडे पर काम करते रहना है। हाल में कश्मीर से होकर लौटे यशवंत सिन्हा ने कहा कि घाटी और जम्मू में लोग भाजपा से बहुत नाराज हैं।
सिन्हा का कहना है कि कश्मीर घाटी की स्थिति काफी बिगड़ चुकी है। इसकी देन भी केन्द्र सरकार की नीतियां ही हैं। इसलिए भाजपा के इस तरह विघटनकारी राजनीतिक प्रयास से युवाओं में न केवल आक्रोश बढ़ सकता है, बल्कि वे गलत रास्ता भी अख्तियार कर सकते हैं।
बिगड़ेंगे हालात
हालांकि यशवंत सिन्हा को ऐसा हो पाने की उम्मीद कम नजर आ रही है, लेकिन उनका कहना है कि भाजपा की योजना पीडीपी को तोड़कर यदि भविष्य में बन पाए तो सरकार बनाना है। वैसे भी इस समय भाजपा कोई परेशानी नहीं है, क्योंकि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है। लेकिन घाटी में चर्चा आम है कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाना चाहती है।
इस सरकार का मुख्यमंत्री हिन्दू हो और इसके साथ दो उप मुख्यमंत्री बनाए जाएं। सिन्हा का कहना है कि यदि इस तरह की स्थिति आती है तो घाटी के हालात बुरी तरह से बिगड़ सकते हैं। सिन्हा ने महबूबा मुफ्ती से सहमति जताते हुए युवा आतंक की राह चुन सकते हैं।
क्यों कर रही है भाजपा
यशवंत सिन्हा ने कहा कि भाजपा ने अपनी पुरानी परंपरा तोड़ दी है। पार्टी के मानदंड ही खत्म हो गए हैं। अब केवल एक ही एजेंडा है कि किसी भी तरह से सरकार बनाओ। किसी हथकंडे का इस्तेमाल करके चुनाव जीतो। राज्यों में अल्पमत हो तो गलत रास्ते से भी सरकार बनाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा इसी तरह का खेल जम्मू-कश्मीर में खेलना चाहती है। ताकि 2019 के चुनाव में वोटों का ध्रुवीकरण करके इसको जीता जा सके।
सिन्हा का कहना है कि घाटी और जम्मू दोनों जगह लोगों का मानना यही है। वो लोग कह रहे हैं जम्मू-कश्मीर के विकास को लेकर पीडीपी से सरकार ने समर्थन वापस नहीं लिया है, बल्कि 2019 में चुनाव जीतने के लिए इस रास्ते पर चल रही है। जम्मू में भाजपा के विधायकों, सांसदों ने कोई ढंग का काम नहीं किया है। इसलिए भी जनता उनसे नाराज है।
पीडीपी के एक नेता ने भी भाजपा को कोसा
पीडीपी के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि भाजपा को इस तरह का चरित्र नहीं दिखाना चाहिए। सूत्र का कहना कि वह मुफ्ती मोहम्मद सईद की पहली सरकार में मंत्री थे। तब से पहली बार पीडीपी में इस तरह का संकट खड़ा हुआ है। हमने इतने दिन भाजपा के साथ सरकार चलाई है। उसने समर्थन वापस ले लिया और राष्ट्रपति शासन लग गया है। लेकिन इसके बाद भी भाजपा विरोधियों, बागियों को आक्सीजन देने में लगी है। इसे तो राजनीति में कमर के नीचे वार करना कहा जाता है।