2019 के चुनाव में उम्र का बंधन नहीं मानेगी बीजेपी, नजरअंदाज कर सकती है 75 वाला फॉर्म्युला
देश के सियासी हालात में हो रहे बदलाव के बीच बीजेपी अपने एक फॉर्म्युले में ढील दे सकती है। खबरों के मुताबिक बीजेपी लोकसभा उम्मीदवारों के चयन के वक्त अपने 75 वर्ष के फॉर्म्युले में ढील देने पर भी विचार कर सकती है। हालांकि अभी इसे लेकर किसी तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी को लग रहा है कि उसके कई दिग्गज नेताओं का मतदाताओं पर जबरदस्त प्रभाव है। उनका असर अपने साथ आसपास के निर्वाचन क्षेत्रों पर भी है। अधिकतम उम्र के फॉर्म्युले में ऐसे कई दिग्गज नेता भी आ रहे हैं। इनके चुनाव नहीं लड़ने का चुनाव परिणाम पर गहरा असर पड़ सकता है। इनमें से कुछ नेता अगड़ी जातियों से ताल्लुक रखते हैं। कुछ का अपने जाति समुदाय पर गहरा दबदबा है। वहीं, कुछ पूरे राज्य में लोकप्रिय हैं।
पार्टी के एक नेता ने बताया कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद ही कुछ राज्यों में इस फॉर्म्युले पर अमल किया गया। कई मंत्रियों की इस आधार पर पद से छुट्टी कर दी गई कि वे 75 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं। हालांकि पार्टी की ओर से इस तरह का कभी कोई आधिकारिक नियम नहीं बनाया गया है।
आडवाणी से जोशी तक होंगे प्रभावित
सूत्रों के मुताबिक, अगर इस नियम को माना जाता है तो पार्टी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कलराज मिश्र, भुवनचंद्र खंडूरी, शांता कुमार, हुकुमदेव नारायण यादव, बी.एस. येदियुरप्पा और सुमित्रा महाजन भी इसके दायरे में आ जाएंगे। आडवाणी के बारे में पहले ही माना जा रहा है कि वह शायद खुद चुनाव न लड़ें। उनके परिवार के किसी सदस्य को टिकट दिया जाए। इसके अलावा भगत सिंह कोश्यारी भी खुद न लड़ने की इच्छा जता चुके हैं।