राज्यस्पोर्ट्स

भारत में खेली जाएगी 2026 की विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप

स्पोर्ट्स डेस्क : 2026 में होने वाली बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप का आयोजन का भारत में होगा. इसका ऐलान विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) ने किया. भारत को 2023 में सुदीरमन कप की मेजबानी करनी थी, लेकिन बीडब्ल्यूएफ ने इस विश्व मिश्रित टीम चैंपियनशिप का आयोजन चीन को देने का फैसला किया है.

बीडब्ल्यूएफ ने एक बयान में बोला कि, शुजोऊ में 2023 में बीडब्ल्यूएफ विश्व मिश्रित टीम चैंपियनशिप की मेजबानी होगी जिसका आयोजन की जिम्मेदारी पहले भारत को मिली थी. वही भारत ने 2026 में बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप के आयोजन को स्वीकार किया है.

ये दूसरा मौका होगा जब भारत में विश्व चैंपियनशिप होगी, इससे पहले 2009 में हैदराबाद में ये प्रतिष्ठित टूर्नामेंट हुआ था. भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के अध्यक्ष हिमांता बिस्वा सरमा के अनुसार, विश्व चैंपियनशिप जैसे टूर्नामेंट की मेजबानी करना भारतीय बैडमिंटन संघ के साथ देश के लिये भी बड़ी उपलब्धि है.

वैसे 2009 के बाद भारत ने 2014 थॉमस और उबेर कप फाइनल, एशियाई चैंपियनशिप के अलावा वार्षिक बीडब्ल्यूएफ सुपर 500 इवेंट, योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन सहित विभिन्न प्रमुख बैडमिंटन टूर्नामेंटों की मेजबानी की है. हाल ही में 2021-24 के लिए बीडब्ल्यूएफ परिषद के सदस्य चुने गए सरमा ने आगे कहा, “हम बैडमिंटन के सबसे प्रतिष्ठित और प्रमुख टूर्नामेंट की मेजबानी भारत को सौंपने के लिए बीडब्ल्यूएफ के आभारी हैं.

वही भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के महासचिव अजय के. सिंघानिया ने कहा, “टूर्नामेंटों के लगातार रद्द होने और महामारी के कारण इनके लिए विश्व स्तर पर मंच पर उपलब्ध नहीं होने के कारण बीडब्ल्यूएफ एक वैकल्पिक प्रस्ताव के साथ हमारे पास आया था. बीडब्ल्यूएफ ने चीन में कोरोना की स्थिति को देखते हुए इस वर्ष के सुदीरमन कप को चीन के शुजोऊ की जगह फिनलैंड के वांता में मेजबानी देने का फैसला किया.

ये भी पढ़े : इंडिया ओपन और हैदराबाद ओपन किये गए कैंसिल, बीडब्ल्यूएफ का फैसला

विश्व चैंपियनशिप में अब तक भारत ने 10 पदक जीते है. इसमें ओलंपिक की तैयारियों में लगी पीवी सिंधु महिला एकल की विश्व विजेता है. सिंधु ने इस टूर्नामेंट में दो रजत और दो कांस्य पदक भी जीते हैं. बी साई प्रणीत ने दो वर्ष पूर्व स्विट्जरलैंड के बासेल में पुरुष एकल में विश्व चैंपियनशिप का पदक जीतकर 36 वर्ष के लंबे इंतजार को खत्म किया था.

साइना नेहवाल ने 2015 और 2017 में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता था, वही अश्विनी पोनप्पा और ज्वाला गुट्टा ने 2011 में लंदन में महिला युगल में कांस्य पदक जीता था.

Related Articles

Back to top button