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नई दिल्ली : आईपीएल 11 में कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ छह छक्के उड़ाकर नूंबई इंडियंस के ईशान किशन ने पूरे देश का दिल जीत लिया, लेकिन ये पहला मौका नहीं है जब उन्होंने छक्के उडाए हैं, वह जिस मैच में खेलते हैं, उसमें छक्के उड़ाते हैं, इसका रिकार्ड भी बना चुके हैं। किशन ने कोलकाता के ईडेन गार्डन पर केकेआर के गेंदबाज कुलदीप यादव की चार गेंदों पर जिस तरह लगातार चार छक्के उड़ाए, उसके बाद वह आईपीएल के नए स्टार बनकर उभरे हैं। हर कोई उनके बारे में जानना चाहता है, लेकिन सबसे बड़ी बात जो उनकी बैटिंग को दूसरों से अलग करती है वो उनके गगनचुंबी छक्के। बचपन से ही उन्हें आक्रामक बल्लेबाज माना जाता रहा है। रणजी ट्राफी में एक पारी में सबसे ज्यादा छक्के उड़ाने का रिकार्ड उन्हीं के नाम है, वर्ष 2016 में दिल्ली जैसी नामी टीम के खिलाफ उन्होंने एक पारी में 16 छक्के उड़ाकर विरोधी टीम के होश फाख्ता कर दिए थे, उस पारी में उन्होंने 273 रन बनाए थे, जो झारखंड के किसी क्रिकेटर का रणजी ट्राफी में सबसे ज्यादा रनों की व्यक्तिगत पारी भी है। किशन ने प्रथम श्रेणी के 32 मैच खेले हैं और उसमें 54 छक्के उडाए हैं। हालांकि आईपीएल में अब तक उनकी कोई खास पहचान नहीं बन पाई थी, लेकिन कोलकाता के खिलाफ 9 मई के मैच में कप्तान ने उन्हें फ्री होकर खेलने का मौका देकर बैटिंग क्रम में पहले भेजा और उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया। पढने लिखने में कभी मन नहीं लगा
किशन पटना में पैदा हुए, उनका घर वहीं पर है। उम्र है 19 साल, पिता प्रणव पांडे बिल्डर हैं, पटना में नामी स्कूल डीपीएस में पढ़ने गए, हालांकि बताया जाता है कि उनका पढ़ाई में कभी मन नहीं लगा, वो क्लास में अपनी नोटबुक में हमेशा क्रिकेट फील्ड की ड्राइंग बनाते पकड़े गए। स्मार्ट और आकर्षक इस क्रिकेटर को क्रिकेट के बाद तेज ड्राइविंग बहुत पसंद है, हालांकि इस चक्कर में वह एक बार हवालात की सैर भी कर चुके हैं, ये वाकया वर्ष 2016 का है। पटना में वो तेज कार चला रहे थे और इससे एक आटोरिक्शा के साथ उनकी टक्कर हो गई., पुलिस ने उन्हें हवालात में डाल दिया। किशन बिहार से ही रणजी ट्राफी खेलना चाहते थे लेकिन उनके राज्य के क्रिकेट संघ को बीसीसीआई से मान्यता नहीं मिलने के कारण उन्हें झारखंड खेलने जाना पड़ा। किशन अंडर 18 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं, उनकी कप्तानी में टीम वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची थी। ईशान किशन ने बहुत कम उम्र में क्रिकेट खेलनी शुरू की, केवल सात साल की उम्र में वो अपनी स्कूल की क्रिकेट टीम में न केवल शामिल हुए बल्कि टूर्नामेंट खेलने अलीगढ़ भी गए। उनके बड़े भाई राज भी अच्छे क्रिकेटर रहे हैं, उन्होंने राज्य स्तर पर क्रिकेट खेली।