कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगाँठ
नमन दिवस जुलाई 1999
कारगिल दिवस, नमन दिवस, ऑपरेशन विजय कुछ भी नाम दे परंतु भारतीय सेना के शौर्य को हर भारतवासी का हमेशा नमन है
26 जुलाई 1999, एक ऐसा दिन था जब भारत ने कारगिल में पाकिस्तान से युद्ध जीता था। उसी वर्ष से भारत में इस दिन को कारगिल विजय दिवस के नाम से मनाया जाता है। इस युद्ध में भारत के वीर जवानों ने खराब मौसम परिस्थितियों में भी निडर रहकर दुश्मनों से लड़े और विजय प्राप्त की थी।भारत और पाकिस्तान की सरहदों पर स्थित कारगिल दुनिया के सबसे ऊंचे और खराब मौसम परिस्थितियों वाला युद्ध मैदान है। 1999 में हुआ युद्ध भारत और पाकिस्तान के टाइगर नामक पहाड़ी पर हुआ था जोकि श्रीनगर से 205 किलोमीटर की दूरी पर है। टाइगर नमक पहाड़ी पर मौसम बहुत ठंडा होता है जोकि रात में -45 डिग्री तक पहुँच जाता है और इस क्षेत्र में रातें बहुत लम्बी होती है।
भारत ने निडर होकर उनका सामना किया और जल्द ही बढ़ते भारतीय फ़ौज के दबाव और अमेरिका के दबाव के कारण पाकिस्तान को अपने फ़ौज को पीछे हटाना पड़ा। इसके साथ ही भारतीय सेना ने उन इलाकों पर फिर से कब्ज़ा कर लिया जिस पर पाकिस्तान कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा था।
कारगिल युद्ध की पृष्ठभूमि
कारगिल युद्ध जो कारगिल संघर्ष के नाम से भी जाना जाता है, भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में मई के महीने में कश्मीर के कारगिल जिले से प्रारंभ हुआ था।
इस युद्ध का कारण था बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिकों व पाक समर्थित आतंकवादियों का लाइन ऑफ कंट्रोल यानी भारत-पाकिस्तान की वास्तविक नियंत्रण रेखा के भीतर प्रवेश कर कई महत्वपूर्ण पहाड़ी चोटियों पर कब्जा कर लेह-लद्दाख को भारत से जोड़ने वाली सड़क का नियंत्रण हासिल कर सियाचिन-ग्लेशियर पर भारत की स्थिति को कमजोर कर हमारी राष्ट्रीय अस्मिता के लिए खतरा पैदा करना।
भारत ने निडर होकर उनका सामना किया और जल्द ही बढ़ते भारतीय फ़ौज के दबाव और अमेरिका के दबाव के कारण पाकिस्तान को अपने फ़ौज को पीछे हटाना पड़ा। इसके साथ ही भारतीय सेना ने उन इलाकों पर फिर से कब्ज़ा कर लिया जिस पर पाकिस्तान कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा था।
भारतीय फ़ौज द्वारा किये गए इस संघर्ष को ऑपरेशन विजय नाम दिया गया और यह युद्ध आखिरकार कुल 2 महीनों बाद 26 जुलाई 1999 को ख़त्म हुआ और भारत ने विजय पायी और तभी से यह दिन कारगिल विजय दिवस के नाम से मनाया जाता है। कैप्टन विक्रम बत्रा के साथ भारतीय सेना, मेजर जनरल इयान कार्डोज़ो ने 26 जुलाई 1999 को चौकी पर बहादुरी से लड़ाई लड़ी।
इस युद्ध में भारत के करीब साडे 500 सैनिक शहीद हुए और 14 साल डायल हुए अपनी शूरवीर ता को दिखाते हुए हमारे भारतीय जवानों ने भारत का तिरंगा लहराया जो पाकिस्तान के लिए करारा जवाब था ।